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फिल्म रिव्यु - Gadar 2



एक्शन, इमोशन, डायलॉगबाजी और देशभक्ति से भरपूर है सनी देओल की 'गदर 2', सीटियां मारने को होंगे मजबूर


Posted On:Friday, August 18, 2023


सनी देओल की फिल्म 'गदर 2' का इंतजार फैंस को बेसब्री से था. इस फिल्म का पहला पार्ट 'गदर' साल 2001 में रिलीज हुआ था. यही वो फिल्म थी जिसने सनी देओल को फैंस का फेवरेट एक्टर बनाया और उन्हें 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' का नारा दिया. अब 22 सालों के लंबे इंतजार के बाद तारा सिंह एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौट आए हैं. फिल्म 'गदर 2 : द कथा कंटीन्यूज' का रिलीज से पहले दर्शकों के बीच इतना जबर्दस्त क्रेज है कि पहले दिन के लिए इसके 3 लाख से ज्यादा टिकट एडवांस बुक हो चुकी थीं। बीते दिनों 4K वर्जन में दोबारा रिलीज की गई फिल्म 'गदर: एक प्रेम कथा' को भी देखने काफी संख्या में दर्शक सिनेमा पहुंचे थे।

क्या है कहानी:
फिल्म 'गदर' की कहानी जहां 1947 के विभाजन के बैकड्रॉप में थी। वहीं 'गदर 2' की कहानी 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू होने से ठीक पहले की है। पिछली फिल्म में तारा सिंह तमाम मुसीबतें झेलकर अपनी पत्नी सकीना को पाकिस्तान से वापस लाया था। 'गदर 2' की कहानी के मुताबिक तारा सिंह (सनी देओल) और सकीना (अमीषा पटेल) भारत लौटकर खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। उनका बेटा चरनजीत उर्फ जीते (उत्कर्ष शर्मा) भी अब बड़ा हो गया है। उधर पाकिस्तान में मेजर जनरल हामिद इकबाल (मनीष वाधवा) इंतकाम की आग में जल रहा है, क्योंकि तारा सिंह उसकी रेजीमेंट के 40 जवानों को मारकर सकीना को हिंदुस्तान ले गया था। उसके बदले हामिद ने सकीना के पिता अशरफ अली (अमरीश पुरी) को तो फांसी लगवा दी। लेकिन वह तारा से भी इंतकाम लेना चाहता है। एक दिन अचानक हामिद को अपनी मुराद पूरी करने का मौका मिल जाता है, जब एक गलतफहमी के चलते पाकिस्तान पहुंचा तारा का बेटा जीते उसकी गिरफ्त में आ जाता है। अब तारा अपने बेटे को छुड़ाने के लिए एक बार फिर पाकिस्तान जाने का फैसला करता है। क्या तारा अपने बेटे को बचाकर वापस भारत ला पाएगा? यही फिल्म में देखने वाली बात है.

तारा सिंह के रोल में सनी देओल :
सनी देओल एक बार फिर तारा सिंह के रोल में जोरदार लगे हैं। सकीना के रोल में अमीषा पटेल ने भी अच्छी एक्टिंग की है। वहीं मेजर जनरल हामिद इकबाल के रोल में मनीष वाधवा जोरदार लगे हैं। हालांकि एक्टिंग के मामले में अभी उत्कर्ष और सिमरन दोनों को और मेहनत की जरूरत है। पिछली गदर के दोनों गाने 'उड़ जा काले कांवा' और 'मैं निकला गड्डी लेके' नई फिल्म में भी हिट हैं।

मनीष वाधवा की मेहनत :
बीते 22 साल में फिल्म ‘गदर’ के दो चर्चित कलाकार अमरीश पुरी और विवेक शौक इस दुनिया को छोड़ गए। फिल्म इन दोनों के अभिनय को श्रद्धांजलि भी है। खासतौर से अमरीश पुरी की जगह इस बार फिल्म के विलेन बने मनीष वाधवा के सामने फिल्म के बाकी कलाकारों से ज्यादा चुनौती रही। सिगार सुलगाते, चेहरे पर खतरनाक भाव लाते और बात बात पर कत्लेआम को तैयार रहने वाले जनरल हामिद इकबाल के किरदार में मनीष ने फिल्म को कहीं भी असंतुलित नहीं होने दिया। आमतौर पर सनी देओल के रौद्र रूप के आगे उनकी फिल्मों के विलेन अशरफ अली से आगे कम ही जा पाए हैं लेकिन मनीष वाधवा को अगर अच्छे किरदार मिले तो वह यहां से हिंदी सिनेमा में खलनायकी की एक नई कहानी लिख सकते हैं।

मिथुन का संगीत :
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल वाले प्यारेलाल शर्मा के भतीजे संगीतकार मिथुन ने पुराने गानों को नया रूप देने का अच्छा काम तो किया ही है, सईद कादरी के लिखे ‘दिल झूम’ और ‘खैरियत’ गानों में भी अपने हुनर का कमाल दिखाया है। फिल्म ‘गदर 2’ के लिए बॉक्स ऑफिस पर चुनौती काफी तगड़ी है। फिल्म की तकनीकी टीम खासतौर से इसकी सिनेमैटोग्राफी और इसका संपादन ‘गदर’ के जमाने का ही है। एक्शन दृश्यों में भी कोई खास नवीनता दिखाने में टीनू वर्मा मदद नहीं कर पाए हैं। फिल्म को ‘गदर’ की सीक्वल का भार उठाने के साथ साथ अपने साथ ही रिलीज हुई ‘ओएमजी 2’ की सामयिक कहानी से भी मुकाबला करना है। उम्मीद बस यही की जा सकती है कि जैसे ‘गदर’ और ‘लगान’ एक ही दिन रिलीज होकर सुपरहिट फिल्में बनीं, वैसा ही कुछ इतिहास इस बार ‘गदर 2’ और ‘ओएमजी 2’ दोहरा सकें।

क्यों देखें :
‘गदर 2’ एक ऐसे दौर में आई है, ज‍ब ह‍िंदी स‍िनेमा दर्शकों की कमी से जूझ रहा है. लेकिन ऐसा लगता है कि ‘गदर 2’ स‍िनेमाघरों को फिर से गुलजार कर देगी. डायरेक्टर अनिल शर्मा ने गदर 2 में एक्शन, इमोशन व देशभक्ति का परफेक्ट तड़का लगाया है। हो सकता है कि कई जगह आपको फिल्म के कुछ मारधाड़ वाले सीन का लॉजिक समझ नहीं आए, लेकिन मुझे यक़ीन हैं कि दर्शकों की सीटियां और तालियां आपको ज्यादा सोचने का मौका नहीं देंगी।


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