ताजा खबर
अदाणी स्पोर्ट्सलाइन ने 2025 बास्केटबॉल समर कैंप का शुभारंभ किया, अहमदाबाद में आयोजित होगा   ||    सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश, अहमदाबाद में झुग्गी बस्ती के विध्वंस पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश   ||    2 करोड़ की कार को बनाया टैक्सी, जानें कैसे खर्चे पूरा करता है चीनी मालिक   ||    दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेना किस देश की? जानें भारत-पाकिस्तान कहां   ||    इशाक डार ने आतंकियों को बताया स्वतंत्रता सेनानी, पाकिस्तान के डिप्टी PM के बड़बोल   ||    पाकिस्तान के खिलाफ मोदी के बड़े ऐलान, 5 पॉइंट में समझें इसमें आगे क्या?   ||    पाकिस्तान की 5 गीदड़ भभकियां; कहता है- पलटवार करेंगे, सिंधु का पानी रोका तो युद्ध मानेंगे   ||    अटारी बॉर्डर बंद होने के बाद रिट्रीट सेरेमनी में भी बड़े बदलाव, अमृतसर से वीडियो आया सामने   ||    मुझे बेटे की शहादत पर गर्व, पहलगाम हमले में मारे गए आदिल के पिता का छलका दर्द   ||    पहलगाम हमले के बाद ‘आक्रमण’, भारतीय वायुसेना ने शुरू किया युद्धाभ्यास   ||   

गाय-भैंस के गोबर से क्यों बनाया जाता है गोवर्धन पर्वत ?

Photo Source :

Posted On:Wednesday, April 21, 2021

दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गाय देवी लक्ष्मी का रूप है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गिरिराज की पूजा की थी।

गायों को सुबह स्नान कराया जाता है और फूल, माला, धूप, चंदन आदि से पूजा की जाती है। गोवर्धन को गोबर से बनाया जाता है। गोवर्धन पर्वत की इस गोबर से बनाई गई प्रतिमा को गोवर्धन बाबा के रूप में स्थापित किया जाता है।

पूजा के बाद, गोवर्धनजी की सात परिक्रमा की जाती है |

गोवर्धनजी के नाभि के स्थान पर एक कटोरा या मिट्टी का दीपक रखा जाता है। फिर दूध, दही, गंगाजल, शहद, सुपारी आदि का प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है।

इस त्योहार को सबसे ज्यादा श्री कृष्ण की जन्मभूमि में यानी कि मथुरा, काशी, गोकुल, वृ्न्दावन में मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान में इसका विशेष महत्व माना जात है। गोवेर्धन पूजा के दिन चाँद नहीं देखा जाता |

हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं।

इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठ ऊँगली से गोवर्धन पर्वत को उठाया था। इंद्र के प्रकोप और उनका अहंकार तोड़ने के लिए ही भगवान ने अपनी कनिष्ठ ऊँगली का प्रयोग किया।

इस दिन तरह तरह के अनाज के भोजन स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते है। भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने के बाद सभी इस महा प्रसाद को ग्रहण करते है |


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.