ताजा खबर
Breaking News: गुजरात विमान हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन, केंद्रीय जल शक्ति मंत्र...   ||    अहमदाबाद में ड्रीमलाइनर क्रैश, सभी 242 यात्रियों की मौत, शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच शुरू   ||    अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान रिहायशी इलाके में गिरा, 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका   ||    पूरे परिवार को हमेशा के लिए सुलाना चाहती थी 33 साल की महिला, खिलाई नींद की खोली; ऐसे खुली पोल   ||    Heatwave Alert: दिल्ली से राजस्थान तक हीटवेव, डिहाइड्रेशन-हार्ट अटैक का बढ़ा रिस्क   ||    Indian Oil in Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इंडियन ऑयल ने निभाई बड़ी भूमिका, झट से पूरी की ...   ||    राजा रघुवंशी की आखिरी तस्वीर आई सामने, कामाख्या मंदिर में दर्शन के बाद खिंचवाई थी, माथे पर लगा टीका   ||    Sonam Raghuvanshi से रिमांड में ये 7 सवाल पूछेगी पुलिस, राजा से तलाक ले लेती जान से मारा क्यों?   ||    LIVE Indore Couple Case Updates: सोनम ने हवाला से कमाए थे लाखों रुपये, मौसेरे भाई जितेंद्र के नाम से...   ||    ‘कट्टरपंथी और वामपंथी पागल हैं’, लॉस एंजेलिस में हिंसा-विरोध प्रदर्शन पर फिर बोले US प्रेसिडेंट डोना...   ||   

सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश, अहमदाबाद में झुग्गी बस्ती के विध्वंस पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश

Photo Source : Google

Posted On:Friday, April 25, 2025

अहमदाबाद न्यूज डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद में एक झुग्गी बस्ती के विध्वंस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश दिया कि अगले सुनवाई तक साइट पर यथास्थिति बनाए रखी जाए। यह आदेश उस मामले पर विचार करते हुए दिया गया, जिसमें अदालत के आदेश के बावजूद झुग्गीवासियों के घरों को तोड़े जाने की योजना थी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (28 अप्रैल) तक विध्वंस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की थी। अब, याचिकाकर्ता की ओर से राहत की मांग के बाद, मामले को फिर से सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया।

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह शामिल थे, ने याचिकाकर्ता के वकील को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि झुग्गीवासियों को पुनर्विकास के लिए उचित स्थानांतरण प्रदान किया जाए। याचिकाकर्ता ने अदालत में यह बताया कि सरकार द्वारा झुग्गीवासियों को दी जा रही किराए की राशि 6000 रुपये है, जो कि पर्याप्त नहीं है, क्योंकि इस राशि में तो झुग्गी का भी किराया नहीं मिल सकता। इस पर खंडपीठ ने सुझाव दिया कि वे इस किराए पर वैकल्पिक आवास लें और आश्वासन दिया कि अदालत इस मामले की अंतर राशि पर भी विचार करेगी।

इस मामले की सुनवाई 28 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई है, जब तक सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। दरअसल, अहमदाबाद के छारानगर इलाके में रहने वाले 49 झुग्गीवासियों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इन लोगों को 29 जनवरी 2025 को जारी एक सार्वजनिक नोटिस के खिलाफ न्याय की मांग थी, जिसमें उन्हें 30 दिनों के भीतर अपने घर खाली करने का आदेश दिया गया था। यह आदेश गुजरात स्लम क्षेत्र (सुधार, निकासी और पुनर्विकास) अधिनियम, 1973 के तहत जारी किया गया था।

झुग्गीवासियों ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि उन्हें व्यक्तिगत नोटिस नहीं दिया गया था, बल्कि केवल प्रकाशन के माध्यम से सूचना दी गई थी, और उन्हें खाली करने के लिए जो समय दिया गया था, वह पर्याप्त नहीं था। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य की झुग्गी पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति के तहत उनकी स्थिति पर विचार किया जाए और विध्वंस के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को पुनः सुनवाई करेगा।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.