मुंबई, 27 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। चुनाव आयोग ने सोमवार को बताया कि इन इलाकों में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR मंगलवार, 28 अक्टूबर से शुरू होकर 7 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और सूची में मौजूद त्रुटियों को सुधारा जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि सोमवार रात से ही इन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वोटर लिस्ट फ्रीज कर दी जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया 103 दिनों तक चलेगी। खास बात यह है कि अगले साल विधानसभा चुनाव वाले पश्चिम बंगाल में भी यह प्रक्रिया लागू होगी, जबकि असम को इससे अलग रखा गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि असम में नागरिकता से जुड़े विशेष नियमों के कारण वहां मतदाता सूची का पुनरीक्षण अलग तरीके से किया जाएगा। जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया होगी, उनमें अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक, इन 12 राज्यों में करीब 51 करोड़ मतदाता हैं। इस बड़े अभियान में 5.33 लाख बीएलओ (BLO) और सात लाख से ज्यादा बीएलए (BLA) राजनीतिक दलों की ओर से तैनात किए जाएंगे। ये अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं से जरूरी फॉर्म भरवाएंगे। अगर किसी व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज है तो उसे एक स्थान से हटाया जाएगा। वहीं, जिनका नाम सूची में नहीं है, उन्हें नया नाम दर्ज करवाने का अवसर मिलेगा। SIR प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को अपनी पहचान और निवास की पुष्टि के लिए दस्तावेज देने होंगे। इसके लिए पेंशनर आईडी, पासपोर्ट, 10वीं की मार्कशीट, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, वन अधिकार पत्र, राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) या परिवार रजिस्टर में नाम, आधार कार्ड, या किसी सरकारी विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र मान्य होंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि 1951 से 2004 तक इस तरह की प्रक्रिया होती रही है, लेकिन पिछले 21 सालों से यह नहीं हो सकी थी। अब इतने लंबे अंतराल के बाद यह जरूरी हो गया है कि मतदाता सूची को अद्यतन किया जाए ताकि माइग्रेशन, मृत व्यक्तियों के नाम बने रहना, या दो जगह नाम दर्ज होने जैसी गड़बड़ियों को ठीक किया जा सके। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से न छूटे और कोई भी अयोग्य व्यक्ति इसमें शामिल न रहे।