मुंबई, 27 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। तमिल एक्टर और तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) प्रमुख विजय ने सोमवार को महाबलीपुरम के एक रिसॉर्ट में करूर भगदड़ हादसे के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। हादसे को एक महीना पूरा हो चुका है और इस मौके पर करीब 200 लोग रिसॉर्ट पहुंचे, जिनमें 37 पीड़ित परिवारों के सदस्य और कुछ घायल भी शामिल थे। विजय ने हर परिवार से अलग-अलग बातचीत की और उनकी बात ध्यान से सुनी। यह मुलाकात पूरी तरह बंद दरवाजों के भीतर हुई, जिसमें मीडिया को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। अंदर सिर्फ TVK पदाधिकारी और पीड़ित परिवारों के सदस्य मौजूद थे।
इसी बीच, मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि तमिलनाडु में राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए 10 दिनों के भीतर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (SOP) तैयार किया जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि SOP बनने तक किसी भी राजनीतिक दल को रैलियां या रोड शो आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, हालांकि सार्वजनिक सभाएं आयोजित करने पर कोई रोक नहीं होगी।
राज्य के एडीशनल एड्वोकेट जनरल जे. रवींद्रन ने बेंच को बताया कि सरकार को पुलिस, अग्निशमन विभाग और अन्य एजेंसियों से सलाह लेकर SOP तैयार करने में समय लगेगा, जिसके लिए उन्होंने अतिरिक्त समय मांगा। लेकिन बेंच ने साफ कहा कि यदि 10 दिनों के अंदर SOP तैयार नहीं हुआ तो अदालत आदेश पारित करेगी। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई 11 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले अदालत ने TVK महासचिव एन. आनंद की अग्रिम जमानत याचिका वापस लेते हुए खारिज कर दी थी।
इस बीच, करूर भगदड़ मामले की जांच अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के हवाले कर दी गई है। सीबीआई की विशेष टीम हादसे वाली जगह वेलुसामीपुरम का दौरा कर चुकी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य पुलिस की FIR को फिर से दर्ज किया गया है।
यह हादसा 27 सितंबर 2025 को विजय की रैली के दौरान हुआ था, जिसमें 41 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। पुलिस के अनुसार, विजय के कार्यक्रम में सात घंटे की देरी हुई और 10 हजार क्षमता वाले मैदान में करीब 50 हजार लोग पहुंच गए थे। एक बच्ची के लापता होने की खबर से भीड़ में अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई।
इस घटना पर 4 अक्टूबर को मद्रास हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि हादसे के बाद TVK ने घटनास्थल छोड़ दिया और किसी तरह की माफी या जिम्मेदारी नहीं दिखाई। अदालत ने कहा था कि पार्टी अपनी आंखें बंद कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था, जिसकी अगुवाई तमिलनाडु पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल असरा गर्ग कर रही हैं।
अब विजय के पीड़ित परिवारों को चेन्नई बुलाने के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं कि वे खुद करूर क्यों नहीं गए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, विजय पहले करूर जाकर मिलने वाले थे, लेकिन बड़ी भीड़ जुटने की आशंका के कारण स्थान बदलना पड़ा। दीवाली से पहले TVK की ओर से मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये की राहत राशि भी दी जा चुकी है।