एअर इंडिया फ्लाइट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे के बाद से एयरलाइन की छवि पर सवाल उठने लगे हैं। इस हादसे के बाद अब तक एअर इंडिया की कुल 66 फ्लाइट रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है। खासकर 17 जून को ही 7 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा, जिससे एयरलाइन की खराब सेवाओं और प्रबंधन की खामियों पर तीव्र आलोचना होने लगी।
इस बीच, राष्ट्रीय लोक कांग्रेस (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने एक पोस्ट लिखकर एअर इंडिया की खराब सेवा और देरी को बर्दाश्त न करने वाली बात कहा। सुप्रिया सुले ने बताया कि वह दिल्ली से पुणे के लिए एअर इंडिया की फ्लाइट AI 2971 से यात्रा कर रही थीं, लेकिन उनकी फ्लाइट 3 घंटे से ज्यादा देर से थी। इस दौरान यात्रियों को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली, न ही किसी तरह की सहायता प्रदान की गई। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की देरी और कुप्रबंधन एअर इंडिया के लिए आम बात हो गई है, जिसके कारण यात्री फंसे हुए और असहाय महसूस करते हैं। इस उदासीनता को उन्होंने बिल्कुल अस्वीकार्य बताया और केंद्रीय मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और एयरलाइन को जवाबदेह ठहराएं क्योंकि यात्री इससे बेहतर सेवा के हकदार हैं।
एअर इंडिया की ओर से भी इस मामले में सफाई दी गई है। एयरलाइन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि दिल्ली में खराब मौसम के कारण उड़ानों पर काफी असर पड़ा है। इसके चलते कई उड़ानों का डायवर्जन (रूट बदलना) और एयरबोर्न होल्डिंग (विमान को हवा में इंतजार करना) हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी टीमें सभी प्रभावित ग्राहकों की सहायता में लगी हुई हैं और हुई असुविधा के लिए वे ईमानदारी से खेद प्रकट करते हैं।
वहीं, विमानन नियामक संस्था नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इस पूरे मामले पर बयान दिया है। DGCA के अनुसार, एअर इंडिया के 33 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों में से 24 पूरी तरह से सुरक्षा मानकों के अनुरूप हैं। DGCA ने स्पष्ट किया कि इन विमानों में कोई सुरक्षा संबंधी खराबी या चिंताजनक स्थिति नहीं पाई गई है। लेकिन DGCA ने एयरलाइन को अपनी इंजीनियरिंग, परिचालन और ग्राउंड हैंडलिंग इकाइयों के बीच आंतरिक समन्वय मजबूत करने की सलाह भी दी है ताकि इस तरह की असुविधाएं और हादसे भविष्य में न हों।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे के बाद DGCA ने सभी विमान कंपनियों से विस्तृत जवाब मांगा है और तकनीकी खराबी को जल्द ठीक करने के निर्देश भी दिए हैं। इस विमान दुर्घटना में अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के अंदर बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश हो गया था। इस हादसे में 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई थी। विमान आग के गोले में तब्दील हो गया और वह एक अस्पताल की इमारत पर गिरा, जिससे दुर्घटना की गंभीरता और बढ़ गई।
यह हादसा भारत की विमान सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, हालांकि DGCA ने साफ किया है कि विमान सुरक्षा के लिहाज से बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान सुरक्षित हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि विमानन कंपनियों को अपनी परिचालन प्रक्रियाओं और संकट प्रबंधन को बेहतर करने की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइन और नियामक दोनों को कड़े कदम उठाने होंगे।
एअर इंडिया की लगातार रद्द हो रही फ्लाइट्स और खराब सेवा ने यात्रियों का विश्वास डगमगा दिया है। सांसद सुप्रिया सुले जैसे जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं ताकि एयरलाइन को अपनी जिम्मेदारी समझाई जा सके। सरकार और एयरलाइन प्रबंधन के बीच बेहतर समन्वय और पारदर्शिता के बिना यात्रियों की समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
अंततः, यह समय है जब एअर इंडिया जैसी प्रतिष्ठित एयरलाइन को अपने प्रबंधन और सेवाओं में सुधार लाना होगा। यात्रियों को सिर्फ तकनीकी सुरक्षा नहीं, बल्कि सेवा में भी भरोसा देना होगा ताकि वे आरामदायक और सुरक्षित यात्रा कर सकें। अन्यथा, इस तरह की घटनाएं और नकारात्मकता देश की विमानन छवि को प्रभावित करती रहेंगी।
निष्कर्ष:
अहमदाबाद क्रैश हादसे ने एअर इंडिया की कमजोरियों को उजागर किया है। फ्लाइट्स रद्द होने और खराब सेवाओं से यात्रियों में निराशा फैल रही है। सांसदों की आलोचना और DGCA की सख्ती के बीच एयरलाइन के लिए जरूरी है कि वह तत्काल सुधार करे। यात्रियों का भरोसा जीतना और सुरक्षा मानकों को बनाए रखना एयरलाइन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। तभी वह फिर से विश्वसनीयता हासिल कर पाएगी।