संजय कपूर की अचानक मौत ने न केवल उनके परिवार में हलचल मचा दी है, बल्कि उनकी कंपनी और विशाल संपत्ति को लेकर भी विवाद खड़ा कर दिया है। 12 जून को लंदन में हुई संजय कपूर की आकस्मिक मृत्यु ने एक बड़े वसीयत और प्रबंधन विवाद को जन्म दिया है, जो आज भी जारी है। संजय कपूर भारत की प्रमुख ऑटो कंपोनेंट निर्माता कंपनी, सोना कॉमस्टार के अध्यक्ष थे। उनके निधन के बाद उनकी 30 हजार करोड़ रुपये की विरासत को लेकर कई मुद्दे सामने आ रहे हैं।
सबसे बड़ा विवाद संजय कपूर की मां रानी कपूर और उनकी पत्नी प्रिया सचदेव कपूर के बीच दिख रहा है। रानी कपूर ने आरोप लगाए हैं कि बेटे की मौत के तुरंत बाद उनपर दबाव बनाया गया कि वे कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करें, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने 25 जुलाई को कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) टालने की भी याचिका दाखिल की थी, लेकिन कंपनी ने इसे खारिज कर दिया। कंपनी का कहना है कि रानी कपूर कंपनी में शेयरधारक नहीं हैं, इसलिए उनके पास कंपनी के मामलों में बोलने का अधिकार नहीं है।
इस बीच, एजीएम में संजय कपूर की विधवा पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है, जिसे शेयरधारकों की मंजूरी भी मिली है। प्रिया के निदेशक पद पर आने के साथ ही कंपनी के बोर्ड में बदलाव हुए हैं। बोर्ड ने जेफरी मार्क ओवरली को 23 जून से अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने की घोषणा की है। प्रिया का नामांकन ऑरियस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया था, जो कंपनी में लगभग 28.02% हिस्सेदारी रखता है।
रानी कपूर के कंपनी में शेयर न होने की बात भी एक अहम मुद्दा है। 2019 से उनके पास कंपनी के शेयर नहीं हैं, इसलिए कंपनी ने साफ़ किया है कि संजय कपूर की मौत के बाद से उनसे किसी भी दस्तावेज़ पर कोई हस्ताक्षर नहीं करवाए गए हैं। कंपनी की यह प्रतिक्रिया रानी कपूर के आरोपों के खिलाफ एक स्पष्ट पलटवार माना जा रहा है।
संजय कपूर की निजी ज़िंदगी में भी कई घटनाक्रम हुए हैं। करिश्मा कपूर से तलाक के बाद उन्होंने प्रिया सचदेव से शादी की थी, जो अब कंपनी की नई निदेशक भी बन गई हैं। करिश्मा कपूर का इस विवाद में क्या रोल है, इसे लेकर भी मीडिया में कई तरह की बातें आ रही हैं, लेकिन अभी तक इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
संजय कपूर की मौत के कारण भी विवादित बने हुए हैं। यह घटना सामान्य नहीं मानी जा रही क्योंकि संजय ने 25 जुलाई को कंपनी की एजीएम टालने का अनुरोध किया था, जो उनके अचानक निधन के बाद विवादास्पद स्थिति बन गया। इस संदर्भ में पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां भी जांच कर रही हैं कि क्या संजय कपूर की मौत के पीछे कोई संदिग्ध कारण हैं या नहीं।
वहीं, कंपनी के शेयरधारक और उद्योग जगत की नजर इस विवाद पर बनी हुई है, क्योंकि संजय कपूर के नेतृत्व में सोना कॉमस्टार ने काफी तरक्की की थी। उनके निधन के बाद कंपनी के भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रिया सचदेव कपूर की नियुक्ति से कंपनी के प्रबंधन में स्थिरता आ सकती है या नहीं, यह आने वाला समय ही बताएगा।
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि संजय कपूर की मौत के बाद उनके परिवार और कंपनी के बीच चल रहे ये विवाद भारत के बड़े व्यापारिक परिवारों में विरासत के मामलों की एक जटिल तस्वीर पेश करता है। 30 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति, कंपनी के शेयर, और प्रबंधन अधिकारों को लेकर चल रहा संघर्ष अभी भी गूढ़ है और आने वाले दिनों में इसकी कानूनी लड़ाई और राजनीतिक पहलुओं पर भी असर पड़ सकता है।