अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद विमान हादसे में झुलसे आठ महीने के ध्यांश की मुस्कान लौट आई है। उसकी मां मनीषा ने खुद की त्वचा देकर बेटे का स्किन ग्राफ्ट कराया, जिससे उसके झुलसे चेहरे और हाथों पर नई त्वचा चढ़ाई गई। दोनों मां-बेटा बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में उस समय मौजूद थे, जब AI-171 विमान हादसे का शिकार हुआ। हादसे के बाद मनीषा ने धुएं और आग के बीच अपने बच्चे को लेकर जान बचाने के लिए इमारत से बाहर दौड़ लगाई थी।
मनीषा खुद 25% तक और ध्यांश 36% तक झुलस गए थे। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर PICU में भर्ती किया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया। डॉक्टरों के मुताबिक उसके फेफड़ों में खून भर गया था, जिसके लिए इंटरकोस्टल ड्रेनेज ट्यूब डाली गई। यह पूरी प्रक्रिया नाजुक थी, क्योंकि बच्चा सिर्फ आठ महीने का था और सर्जरी में उम्र एक बड़ी चुनौती थी।
डॉक्टर कपिल कछाड़िया, जो खुद ध्यांश के पिता हैं, ने भी इलाज में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने हर वक्त बेटे की देखभाल की, यहां तक कि आधी रात में पट्टियां तक चेक कीं। मां मनीषा की हिम्मत और डॉक्टरों की टीम की मेहनत ने मिलकर ध्यांश की जान बचाई और अब वह पहले की तरह खेल-कूद कर रहा है।
इस पूरे हादसे की सबसे बड़ी प्रेरणादायक बात यह रही कि एक मां ने अपने बच्चे के लिए आग से लड़ाई लड़ी और अपने ही शरीर से उसके घावों को भरने में मदद की। आज जब ध्यांश के गुलाबी गाल चमकते हैं और उसकी मुस्कान लौट आई है, तो यह सिर्फ एक रिकवरी नहीं बल्कि मानव जज़्बे की मिसाल है।