अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद विमान हादसे को डेढ़ महीना बीत गया है, लेकिन पीड़ित परिवारों का दर्द अब भी ताजा है। इस भयावह हादसे में 270 लोगों की जान चली गई, और सिर्फ एक शख्स—विश्वास कुमार भालिया—जिंदा बच पाए। मगर उनके ज़िंदा रहने की कीमत इतनी भारी है कि वह अब तक मानसिक रूप से खुद को संभाल नहीं पाए हैं। उन्होंने इस दुर्घटना में अपने भाई अजय को अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते देखा।
विश्वास के परिवार का कहना है कि वह रातों को सो नहीं पाते, बार-बार चौंककर उठ जाते हैं। मां की तबीयत भी बेटे की हालत देखकर खराब हो गई है। उनके पिता रमेशभाई भालिया बताते हैं कि विश्वास अब खुद को कमरे तक सीमित कर चुके हैं और किसी से बात तक नहीं करना चाहते। हादसे ने उन्हें अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया है।
परिवार और दोस्त लगातार उन्हें सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं। चचेरे भाई सनी ने बताया कि विश्वास को कई बार मनोचिकित्सक के पास ले जाया गया है, लेकिन उनकी हालत जस की तस बनी हुई है। रिश्तेदारों और परिचितों के कॉल्स आते रहते हैं, लेकिन वह किसी से बात नहीं करते। मीडिया से भी उन्होंने साफ कहा कि अभी उनकी मानसिक स्थिति बात करने लायक नहीं है।
ऐसे हादसे सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक रूप से भी जीवन को बुरी तरह झकझोर देते हैं। विश्वास कुमार का जीवन अब पहले जैसा नहीं रहा। उनका परिवार अब दोहरी पीड़ा से जूझ रहा है—एक बेटे की मौत और दूसरे की मानसिक तबाही। यह हादसा उनके जीवन की दिशा ही बदल चुका है।