ताजा खबर
अहमदाबाद हादसे के बाद एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का अनावरण टला   ||    एअर इंडिया हादसे का वीडियो बनाने वाला 17 साल का आर्यन, पुलिस ने दर्ज किया बयान   ||    LIVE Weather News 14 June 2025: आज से बदल सकता है दिल्ली में मौसम का मिजाज, किन राज्यों में लू का अल...   ||    ‘खराब फ्यूल हो सकता है हादसे का कारण…’, Ahmedabad Plane Crash पर क्या बोले विशेषज्ञ   ||    LIVE आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज Aaj Ki Taaza Khabar, 14 जून 2025: अहमदाबाद पहुंचे पूर्व CM विजय रुप...   ||    अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर आया एअर इंडिया के CEO का बयान, जांच को लेकर कही ये बात   ||    Ahmedabad Plane Crash LIVE Update: डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल देने आएंगे पूर्व सीएम रूपाणी के बेटे   ||    1 दो नहीं 7 बार सोनम-राज ने रची थी साजिश, पहले 2 प्लान हो जाते सफल तो ना जाती राजा की जान   ||    LIVE Israel Iran War Updates: ईरान के समर्थन में आया चीन, इजरायल के हवाई हमलों को बताया संप्रभुता को...   ||    लॉस एंजेलिस में बिगड़े हालात, अमेरिका ने 200 मरीन जवान किए तैनात   ||   

Ramadan 2023 : जानें कब से शुरू हो रहा है रमजान, यहां है पूरी जानकारी

Photo Source :

Posted On:Tuesday, March 21, 2023

रमजान के महीने को इस्लाम में सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में लोग हर तरह की बुराइयों से दूर रहते हैं। इस महीने में व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अल्लाह उस व्यक्ति को आशीर्वाद देता है जो अल्लाह से निकटता रखता है। उपवास सूर्योदय से सूर्यास्त तक मनाया जाता है। तो चलिए इस लेख में हम आपको रमजान के पवित्र महीने के बारे में विस्तार से बताएंगे कि रमजान के महीने को सबसे पवित्र क्यों माना जाता है, रमजान की 3 राख क्या हैं, रमजान में रोजे और इफ्तार का क्या महत्व है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस बार रमजान का पवित्र महीना 23 मार्च से शुरू हो रहा है और 24 मार्च से रोजा रखा जा रहा है. रमजान का चांद दिखने के बाद से रोजे की शुरुआत हो जाती है।

इस महीने को पवित्र क्यों माना जाता है?
माना जाता है कि इसी महीने में मुहम्मद साहब को खुदा से कुरान की आयतें मिली थीं। तभी से कैलेंडर के मुताबिक रमजान के नौवें महीने को पवित्र माना जाता है। उपवास लगभग 30 दिनों तक मनाया जाता है और आखिरी दिन ईद-उल-फितर मनाई जाती है। रमजान महाने के 30 दिनों को 3 अशरे यानी हिस्सों में बांटा गया है। जो रहमत, बरकत, मगफिरत जैसी है।

जानिए रमजान की 3 राखें
रमजान के पहले 10 दिन बरकत वाले होते हैं। पहला अशरा, जिसमें खुदा की इबादत, नमाज और दान अहम हैं।
दूसरा अशरा 10 दिन का ही होता है, अगर उसमें कोई गलती हुई हो तो माफी मांगी जाती है।
रमजान के आखिरी 10 दिन तीसरा अशरा होता है, जिसमें लोग खुदा से तमाम गुनाहों की माफी की दुआ करते हैं और मरने के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

रमजान में सहरी और इफ्तार का महत्व
रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले खाने में फल खाते हैं, जिसे सहरी कहा जाता है। सहरी के बाद पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। शाम के वक्त नमाज अदा की जाती है। जिसके द्वारा अल्लाह नेक लोगों पर अपनी दया और आशीर्वाद प्रदान करता है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.