अहमदाबाद न्यूज डेस्क: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना, जो मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली है, अब रफ्तार पकड़ चुकी है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRCL) ने इस रूट पर 300 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट का निर्माण पूरा कर लिया है। यह अहम पड़ाव सूरत के पास 40 मीटर लंबे फुल-स्पैन बॉक्स गर्डर के सफल लॉन्च के साथ हासिल हुआ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रगति की एक झलक वीडियो के ज़रिए साझा की। कुल 508 किमी के इस रूट में 351 किमी हिस्सा गुजरात और 157 किमी महाराष्ट्र में आता है, जिसमें 92% ट्रैक यानी लगभग 468 किमी एलिवेटेड होगा।
NHSRCL ने बताया कि इस 300 किमी वायाडक्ट निर्माण में से 257.4 किमी फुल-स्पैन लॉन्चिंग मेथड (FSLM) से तैयार किया गया है, जबकि 37.8 किमी हिस्सा स्पैन बाय स्पैन (SBS) तकनीक से बना है। इस रूट में 14 नदियों पर पुल, 1.2 किमी पीएससी ब्रिज, 0.9 किमी स्टील ब्रिज और 2.7 किमी स्टेशन एरिया भी शामिल हैं। निर्माण में 6455 फुल-स्पैन और 925 SBS स्पैन का इस्तेमाल हुआ, जो 40 मीटर लंबे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में स्वदेशी तौर पर बनाए गए उपकरण जैसे लॉन्चिंग गैंट्रीज और स्ट्रैडल कैरियर्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे भारत की हाई-स्पीड रेल निर्माण क्षमता का प्रदर्शन हुआ है।
इस मेगा प्रोजेक्ट में काम की रफ्तार बढ़ाने के लिए देशभर में 27 कास्टिंग यार्ड बनाए गए हैं, जबकि स्टील ब्रिज के लिए सात अलग-अलग राज्यों की वर्कशॉप्स में निर्माण हो रहा है, जिसमें तीन गुजरात में हैं। यह देश की एकजुटता की मिसाल है। शोर को कम करने के लिए वायाडक्ट के दोनों ओर अब तक तीन लाख से ज्यादा नॉइज़ बैरियर लगाए जा चुके हैं। साथ ही 383 किमी पियर्स, 401 किमी फाउंडेशन और 326 किमी गर्डर कास्टिंग का कार्य भी पूरा हो चुका है।
बुलेट ट्रेन के स्टेशन भी आधुनिक सुविधाओं के साथ बन रहे हैं और इन्हें रेल और रोड ट्रांसपोर्ट से जोड़ा जाएगा ताकि यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। गुजरात में अब तक 157 किमी आरसी ट्रैक बेड का काम भी पूरा हो चुका है। महाराष्ट्र और गुजरात में अत्याधुनिक रोलिंग स्टॉक डिपो का निर्माण हो रहा है। इस हाई-स्पीड ट्रेन का ट्रायल रन अगले साल गुजरात में शुरू होने की संभावना है, जबकि पूरी परियोजना 2028 तक पूरी हो जाएगी। इसमें महाराष्ट्र के हिस्से में समुद्र के नीचे टनल निर्माण भी शामिल है।