अहमदाबाद न्यूज डेस्क: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों ने एयरलाइंस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवारों का कहना है कि एयर इंडिया उन्हें मुआवजे से जुड़े दस्तावेजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने की कोशिश कर रही है, ताकि भुगतान की राशि में कमी की जा सके।
एयर इंडिया बोली- आरोप बेबुनियाद
वहीं एयर इंडिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह एक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि मुआवजा सही लोगों तक पहुंचे। कंपनी ने कहा कि प्रश्नावली सिर्फ पारिवारिक संबंधों और कानूनी उत्तराधिकारियों की पहचान के लिए है। एयरलाइंस के अनुसार, यह ईमेल या व्यक्तिगत रूप से जमा की जा सकती है और किसी भी परिवार के घर बिना अनुमति नहीं जाया जाएगा।
यूके की लीगल फर्म ने जताई आपत्ति
हालांकि, यूके की एक लीगल फर्म जो 40 से ज्यादा पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, उसने आरोप लगाया है कि एयर इंडिया आर्थिक जानकारी मांगने के लिए दबाव बना रही है। उनके अनुसार, 'आर्थिक निर्भरता' और 'उत्तरजीवी लाभार्थी' जैसे कानूनी शब्दों का फॉर्म में इस्तेमाल किया गया है, जिनका स्पष्ट अर्थ परिवारों को नहीं समझाया गया। इससे भविष्य में मुआवजा कम करने का खतरा बढ़ सकता है।
टाटा समूह ने किया था एक करोड़ का ऐलान
गौरतलब है कि 12 जून को हुए इस भयावह विमान हादसे में 241 में से 240 लोगों की मौत हो गई थी। टाटा समूह ने प्रत्येक मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। साथ ही 500 करोड़ रुपये के ट्रस्ट के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए योजना भी घोषित की गई थी।
अब तक 47 परिवारों को एडवांस भुगतान मिल चुका है, जबकि 55 और परिवारों की प्रक्रिया जारी है। बावजूद इसके, दस्तावेजों और प्रक्रिया को लेकर परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही है।