अहमदाबाद न्यूज डेस्क: सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने झारखंड से इस ठगी के मुख्य सरगना अमन कुमार को गिरफ्तार किया है। बारहवीं पास यह ठग खुद को इनकम टैक्स अफसर बताकर बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था। उसने अब तक करीब 35 लोगों से करोड़ों रुपये वसूले हैं और इस काम के लिए उसने फर्जी वेबसाइट, मेल आईडी और एजेंटों का नेटवर्क तैयार कर रखा था।
अहमदाबाद के बोपल की एक महिला ने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी ने खुद को इनकम टैक्स अफसर बताकर उसे नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। आरोपी ने सरकारी जैसी ईमेल आईडी से मेल भेजा और महिला को ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु बुलाया। उसने 12 लाख रुपये की मांग की और महिला से 9.20 लाख रुपये वसूल लिए। महिला को फर्जी लेटरहेड पर डिप्टी कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स के हस्ताक्षर वाला अपॉइंटमेंट लेटर भी दिया गया था।
जांच में पता चला कि अमन कुमार और उसके साथी सरकारी विभागों जैसे रेलवे, फूड, हेल्थ और इनकम टैक्स के नाम से मिलती-जुलती ईमेल आईडी बनाकर लोगों को झांसा देते थे। वे युवाओं को बड़े शहरों में इंटरव्यू और फर्जी ट्रेनिंग के लिए बुलाते, फिर प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्च के नाम पर लाखों रुपये वसूलते थे। आरोपी का तरीका इतना पेशेवर था कि उसने होटल बुकिंग से लेकर ट्रेनिंग तक का पूरा माहौल असली जैसा बनाया हुआ था।
एसीपी हार्दिक मांकड़िया ने बताया कि आरोपी ने हर शिकार से औसतन 10 लाख रुपये तक की ठगी की थी। रकम मिलने के बाद वह मोबाइल बंद कर गायब हो जाता था, और पैसे मांगने वालों को धमकाता था। पुलिस ने बताया कि अमन कुमार के खिलाफ पहले से भी जॉब फ्रॉड का केस सीबीआई मुंबई में दर्ज है। इस गिरफ्तारी से ऐसे रैकेट्स पर कार्रवाई की उम्मीद बढ़ी है, जो बेरोजगारी का फायदा उठाकर युवाओं को ठग रहे हैं।