ताजा खबर
भारत ने UN में उड़ाई पाकिस्तान की धज्जियां, कहा- आपके मंत्री ने स्वीकारा कि आतंकवाद को पैसा-प्रशिक्ष...   ||    POK में लॉन्चिंग पैड से बंकरों में पहुंचे आतंकी, भारत की जवाबी कार्रवाई से डरा पाकिस्तान   ||    Canada Elections: कनाडा में किस पार्टी की सरकार बनने के चांस, सर्वे में किसे मिल रही कितनी सीटें?   ||    चीन का पाकिस्तान के साथ होना क्यों हैरानी भरा नहीं, कैसे हैं दोनों के रिश्ते…   ||    पाकिस्तान PM किस बीमारी के चलते अस्पताल में दाखिल, हॉस्पिटल के गुप्त दस्तावेज से रिवील   ||    भारत के रुख से पाक पीएम की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में एडमिट   ||    29 अप्रैल का इतिहास: महत्वपूर्ण घटनाएँ और जश्न के पल   ||    Fact Check: पहलगाम हमले के बाद भारत से पाकिस्तान जाने वालों को नहीं है ये वीडियो, जानें इसकी सच्चाई   ||    Parashurama Janmotsav 2025: भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्मोत्सव 29 अप्रैल को, जानें सब...   ||    IPL 2025: ‘कोई डर नहीं है, मैं बस गेंद देखता हूं’, धांसू शतक जड़ने के बाद वैभव सूर्यवंशी ने दिया बड़...   ||   

Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी के दिन भूल से भी न करें ये 3 गलतियां, संकटों से घिर सकता है जीवन!

Photo Source :

Posted On:Friday, March 21, 2025

हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व है। यह पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है, जिन्हें रोग निवारक देवी माना जाता है। इस बार शीतला सप्तमी 21 मार्च 2025 को और शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को पड़ रही है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संक्रामक रोगों से सुरक्षा मिलती है और पूरे परिवार को स्वास्थ्य लाभ होता है। यह पर्व 'बासौड़ा' नाम से भी प्रसिद्ध है, क्योंकि इस दिन बासी भोजन करने और माता को भोग लगाने की परंपरा है। आइए जानते हैं कि शीतला अष्टमी का धार्मिक और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से क्या महत्व है और इस दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

शीतला अष्टमी का महत्व

शीतला अष्टमी का व्रत संक्रामक रोगों से बचाव के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि माता शीतला की आराधना से चेचक, खसरा, चिकनपॉक्स जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है। यह दिन स्वास्थ्य रक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का भी अवसर है। बासी भोजन करने की परंपरा पाचन तंत्र को आराम देने का प्रतीक मानी जाती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होता है।

शीतला अष्टमी की पूजा विधि

  • प्रातः स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
  • व्रत का संकल्प लें और माता शीतला की प्रतिमा या तस्वीर की स्थापना करें।
  • माता को बासी भोजन, हलवा, पूड़ी, दही, और गुड़ अर्पित करें।
  • झाड़ू, नीम की पत्तियां, दही और ठंडा जल भी चढ़ाना शुभ माना जाता है।
  • पूरे दिन माता का ध्यान करते हुए व्रत रखें और परिवार के स्वास्थ्य की कामना करें।

शीतला अष्टमी पर क्या नहीं करना चाहिए?

  1. चूल्हा न जलाएं: इस दिन कोई भी ताजा भोजन नहीं पकाया जाता। सभी भोजन एक दिन पहले ही तैयार किया जाता है।
  2. गर्म चीजों से परहेज: गर्म भोजन, चाय या गर्म पेय पदार्थों का सेवन वर्जित है। ऐसा करना माता शीतला की नाराजगी का कारण बन सकता है।
  3. अधिक सफाई या झाड़ू-पोछा न करें: इस दिन घर में ज्यादा सफाई करना मना है। मान्यता है कि इससे व्रत का पुण्य घट जाता है।
  4. किसी से विवाद न करें: व्रत के दौरान शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार का कलह या विवाद न करें।

बासौड़ा पर्व क्यों कहते हैं?

शीतला अष्टमी को 'बासौड़ा' पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन बासी खाना खाने का नियम होता है। पुरानी मान्यता के अनुसार, बासी भोजन से शरीर शीतल रहता है और बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।

निष्कर्ष

शीतला अष्टमी का व्रत आस्था और स्वास्थ्य का संगम है। माता शीतला की पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। यदि नियमों का पालन किया जाए, तो इस पर्व का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। इस बार 22 मार्च 2025 को व्रत रखकर माता शीतला का आशीर्वाद जरूर प्राप्त करें।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.