ताजा खबर
कोर्ट से याचिकाकर्ता की मांग—नई नियुक्ति पर रोक लगे, अनुबंध की स्थिति बनी रहे   ||    अहमदाबाद में दिनदहाड़े चाकू की नोंक पर धमकी, उधारी के पैसों को लेकर हुआ विवाद   ||    Fact Check: बोर्डिंग पास पकड़े कंगारू की तस्वीर आपने भी देखी है? जानें इसके पीछे की हकीकत   ||    Mangal Gochar: मंगल का 7 जून को होगा मित्र राशि सिंह में गोचर, आचार्य इंदु प्रकाश से जानें सभी 12 रा...   ||    5 जून की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ   ||    ‘लोग विराट कोहली को कभी नहीं भूलेंगे’, वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ी ने की RCB पर 100 करोड़ का मुकदमा करन...   ||    WTC फाइनल से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने किया खास प्लेइंग XI का ऐलान, इन 2 भारतीय खिलाड़ियों को भी म...   ||    ‘BCCI को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता…’, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ पर अरुण धूमल ने क्या क...   ||    Fixed Deposit: FD में पैसा लगाने का है प्लान? निवेश से पहले जानें 5 बातें   ||    अडाणी एयरपोर्ट्स को मिली 750 मिलियन डॉलर की विदेशी फंडिंग, 6 शहरों के हवाई अड्डे होंगे हाईटेक   ||   

AAP सांसद संजय सिंह ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

Photo Source :

Posted On:Wednesday, June 4, 2025

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखते हुए ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद घोषित सीजफायर को लेकर कड़ी चिंता जताई है। इस पत्र में संजय सिंह ने प्रधानमंत्री से तुरंत विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है ताकि देश को इन फैसलों की पारदर्शी जानकारी दी जा सके और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इन अहम मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा हो सके।

संजय सिंह ने यह पत्र न केवल एक सांसद के रूप में, बल्कि देश की आम जनता की आवाज बनकर लिखा है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार की कार्यशैली, निर्णय लेने की प्रक्रिया, और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।


ऑपरेशन सिंदूर: राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

पत्र में संजय सिंह ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने जिस साहस और तत्परता के साथ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, वह सराहनीय था। सेना ने सीमा पार आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर यह साबित कर दिया कि भारत की संप्रभुता पर कोई भी हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस ऑपरेशन को जनता और विपक्षी दलों से व्यापक समर्थन मिला। यह क्षण भारत की सैन्य दृढ़ता और राष्ट्रीय एकता को दर्शाता है। लेकिन इसके बाद अचानक सीजफायर की घोषणा ने देशवासियों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए।


संजय सिंह की चार प्रमुख चिंताएं:

1. प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठकों में अनुपस्थिति
संजय सिंह ने पत्र में लिखा कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दो सर्वदलीय बैठकों का आयोजन किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इन दोनों बैठकों में प्रधानमंत्री मोदी शामिल नहीं हुए। इस अनुपस्थिति ने न केवल राजनीतिक दलों को, बल्कि पूरे देश को निराश किया। ऐसे संवेदनशील समय में जनता अपने प्रधानमंत्री से मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट संवाद की अपेक्षा करती है।

2. अमेरिकी दबाव में अचानक सीजफायर
पत्र में दूसरी बड़ी चिंता यह व्यक्त की गई है कि जब ऑपरेशन सिंदूर अपने शिखर पर था और भारतीय सेना को पीओके में बढ़त मिलती दिख रही थी, उसी समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक ट्वीट ने सीजफायर की घोषणा की खबर फैलाई। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों को व्यापारिक प्रतिबंधों की धमकी दी थी। यह दावा भारत की विदेश नीति और संप्रभुता को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।

3. प्रधानमंत्री कार्यालय की चुप्पी
संजय सिंह ने चिंता व्यक्त की कि डोनाल्ड ट्रंप के इन दावों पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से कोई आधिकारिक खंडन या स्पष्टीकरण नहीं आया है। यह चुप्पी कहीं न कहीं सरकार की पारदर्शिता की कमी और जनता के प्रति जवाबदेही को उजागर करती है।

4. पहलगाम हमले के दोषियों की पहचान में देरी
संजय सिंह ने पूछा कि इतने दिनों बाद भी सरकार ने पहलगाम हमले के दोषियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया। इस मामले में देरी ने देश की सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक नेतृत्व की तत्परता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


विशेष संसद सत्र की मांग

इन सभी सवालों और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, संजय सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि तुरंत विशेष संसद सत्र बुलाया जाए। इस सत्र के माध्यम से:

  • ऑपरेशन सिंदूर की प्रगति और रणनीति की जानकारी दी जाए

  • अचानक लिए गए सीजफायर फैसले के पीछे की वजह स्पष्ट की जाए

  • डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर भारत का आधिकारिक पक्ष बताया जाए

  • पहलगाम हमले की जांच और दोषियों के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाए


निष्कर्ष: जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग

संजय सिंह का यह पत्र देश में लोकतांत्रिक संवाद और पारदर्शिता की कमी को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। जब देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी घटनाएं घट रही हों, तब प्रधानमंत्री का मौन और सरकार की अस्पष्टता जनता के भरोसे को कमजोर करती है।

इसलिए इस संवेदनशील समय में विशेष संसद सत्र का आयोजन न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से, बल्कि राष्ट्रीय हित में भी अत्यंत आवश्यक है। संजय सिंह का यह कदम विपक्ष की तरफ से एक ज़िम्मेदार और लोकतांत्रिक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य सरकार को घेरना नहीं, बल्कि जवाबदेह बनाना है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.