इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर हर कोई दंग है। वीडियो में एक व्यक्ति बाजार की सड़क पर रात में सोता दिखाई देता है और उसी समय एक शेर आता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि शेर उस व्यक्ति को सिर्फ सूंघता है और बिना किसी नुकसान के वापस लौट जाता है। इस नजारे को देखकर लोग इसे चमत्कार समझ रहे हैं और मान रहे हैं कि यह असली घटना है। लेकिन जब इस वीडियो की गहराई से जांच की गई, तो जो सच्चाई सामने आई, वह हैरान करने वाली थी।
यह वीडियो असली नहीं, बल्कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की सहायता से तैयार किया गया है। यानी यह पूरी घटना कृत्रिम तरीके से रची गई है और इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या किया जा रहा है दावा?
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर लाखों बार देखा गया है। कई यूजर्स ने दावा किया कि यह घटना भारत की है, जहां एक व्यक्ति सड़क किनारे सो रहा था। तभी एक शेर वहां पहुंचा, व्यक्ति को सूंघा और बिना कोई हमला किए चला गया। कुछ पोस्ट में लिखा गया –
"भारत में एक शेर ने सड़क पर सोते व्यक्ति को सूंघा और नुकसान पहुंचाए बिना वापस चला गया।"
लोग इस वीडियो को देखकर कह रहे हैं कि शेर की दया और भगवान की कृपा से व्यक्ति बच गया। कुछ लोगों ने इसे प्रकृति का चमत्कार बताया, तो कुछ ने कहा कि जानवर इंसान से ज्यादा समझदार हो सकते हैं।
हकीकत क्या है? - पड़ताल में निकला सच
जब इस वीडियो की जांच की गई तो कई बातें सामने आईं जो इसके फर्जी होने की तरफ इशारा कर रही थीं:
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गूगल सर्च से कोई पुख्ता स्रोत नहीं मिला:
हमने इस वीडियो की लोकेशन और घटना की पुष्टि के लिए गूगल सर्च किया, लेकिन कहीं से भी कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं मिली।
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बोर्ड की भाषा से हुआ शक:
वीडियो में दुकान पर लगे जो बोर्ड नजर आ रहे हैं, उनकी भाषा न तो हिंदी थी, न अंग्रेजी और न ही किसी जानी-पहचानी अंतरराष्ट्रीय भाषा से मेल खा रही थी। यह एक बड़ा संकेत था कि वीडियो किसी कृत्रिम पृष्ठभूमि के साथ तैयार किया गया है।
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AI डिटेक्शन टूल से जांच:
जब वीडियो को आधुनिक AI डिटेक्शन टूल्स से चेक किया गया, तो स्पष्ट हुआ कि वीडियो पूरी तरह AI जनरेटेड (AI-generated) है। कई फ्रेम्स में एनिमेशन जैसी हरकतें दिखीं, शेर की चाल और हावभाव भी असामान्य और नकली लगे।
IFS अधिकारी ने भी किया खुलासा
वन सेवा अधिकारी (IFS Officer) प्रवीण कासवान ने इस वीडियो को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा:
"इस वीडियो को करीब 7 मिलियन बार देखा गया है, जिसमें एक शेर को इंसान को सूंघते हुए दिखाया गया है। लेकिन यह वीडियो AI द्वारा बनाया गया है। ज़रा सोचिए, जब AI अभी सिर्फ शुरुआती स्तर पर है और तब भी लोगों को भ्रमित कर सकता है, तो आगे इसका दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है।"
उनके इस बयान के बाद भी कई यूजर्स को यकीन करना मुश्किल हो रहा था, लेकिन तकनीकी विश्लेषण ने इस वीडियो की असलियत पूरी तरह बेनकाब कर दी।
AI और Deepfake का खतरा
यह मामला केवल एक फर्जी वीडियो तक सीमित नहीं है। यह उदाहरण बताता है कि AI और Deepfake तकनीक का कैसे दुरुपयोग किया जा सकता है। कल्पना कीजिए कि अगर यही वीडियो किसी संवेदनशील धार्मिक या सामाजिक प्रसंग से जुड़ा होता, तो इससे कितना बड़ा विवाद खड़ा हो सकता था।
AI की मदद से आज किसी भी वीडियो में नकली दृश्य, आवाजें और घटनाएं जोड़ी जा सकती हैं। इससे न सिर्फ अफवाहें फैलती हैं, बल्कि लोगों का भरोसा भी टूटता है।
कैसे पहचानें AI जनरेटेड वीडियो?
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असामान्य हरकतें: चलने, हावभाव या बोलने का तरीका अगर सामान्य न लगे तो शक करें।
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बैकग्राउंड की विसंगतियां: कभी-कभी AI बैकग्राउंड को ठीक से नहीं बना पाता।
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अनजानी भाषा या नकली बोर्ड: साइन बोर्ड या लिखावट से भी वास्तविकता का पता लगाया जा सकता है।
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फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म: वीडियो को Google Reverse Image या Deepfake डिटेक्टर से जांचें।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर आंख मूंदकर विश्वास न करें
इस वीडियो की सच्चाई यह है कि यह एक AI जनरेटेड नकली क्लिप है, जिसे वायरल किया गया। यह उदाहरण हमें सिखाता है कि सोशल मीडिया पर किसी भी चीज़ को देखकर तुरंत यकीन नहीं करना चाहिए। हर दृश्य, हर कहानी के पीछे की सच्चाई को परखना ज़रूरी है।
AI जहां एक तरफ दुनिया को बेहतर बना सकता है, वहीं इसका दुरुपयोग लोगों को भ्रमित और गुमराह करने के लिए भी किया जा सकता है। इसलिए सावधान रहें, सतर्क रहें और हर वायरल वीडियो को तर्क और जांच के साथ परखें।
सच की पहचान खुद करना सीखिए, क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती।