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National Broadcasting Day 2024: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रसारण दिवस, जानें इसके पीछे की कहानी

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Posted On:Tuesday, July 23, 2024

इतिहास न्यूज डेस्क !!! राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (अंग्रेज़ी: National Broadcasting Day) भारत में प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन वर्ष 1927 में इंडियन प्रसारण कंपनी ने बंबई स्टेशन से रेडियो प्रसारण शुरू किया था। भारत में हर साल 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है. यह दिन देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. जून 1923 में, बॉम्बे रेडियो क्लब ने देश में पहला रेडियो प्रसारण किया था. टीवी के आने से पहले रेडियो एकमात्र प्रसारण माध्यम था. इस दिन का मकसद लोगों को रेडियो के जीवन में पड़ने वाले असर के बारे में याद दिलाना है. इस दिन ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) भी देश में संगठित रेडियो प्रसारण की शुरुआत करता है

इतिहास

भारत में रेडियो प्रसारण को 87 साल से भी अधिक हो चुके हैं। इस दिवस को 'राष्ट्रीय प्रसारण दिवस' के रूप में मनाया जाता है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 1920 के दशक में हुई थी। पहला कार्यक्रम 1923 में मुंबई के रेडियो क्‍लब द्वारा प्रसारित किया गया था। इसके बाद 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले दो ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की शुरुआत हुई। सन 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने नियंत्रण में ले लिया और 'भारतीय प्रसारण सेवा' के नाम से उन्‍हें परिचालित करना शुरू कर दिया। 1936 में इसका नाम बदलकर 'ऑल इंडिया रेडियो' कर दिया और 1957 में आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा।

ऑल इण्डिया रेडियो

भारत के राष्ट्रीय प्रसारक के रूप में, ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) जनता को सूचित, शिक्षित और मनोरंजन करने के लिए सेवा कर रहा है। यह शुरुआत से ही अपने उद्देश्य बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय का अनुसरण कर रहा है। भाषाओं की संख्या के मामले में दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से यह एक है। एआईआर के देश भर में 413 स्टेशन हैं और इसकी पहुंच देश के 99.19% हिस्से में है। आकाशवाणी का 23 भाषाओं और 146 बोलियों में .प्रसारण होता है।

रेडियो प्रसारण से जुड़ी कुछ और खास बातें:

  • 1 अप्रैल, 1930 को सरकार ने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी को बंद करने के बाद प्रसारण का ज़िम्मा संभाला था. इसका नाम बदलकर भारतीय राज्य प्रसारण सेवा (आईएसबीएस) कर दिया गया.
  • साल 1932 में इसे स्थायी रूप से सरकारी नियंत्रण में लाया गया.
  • साल 1936 में दिल्ली में एक नया रेडियो स्टेशन बनाया गया था.
  • उसी साल 8 जून को, आईएसबीएस को एक नई हस्ताक्षर धुन के साथ एआईआर के नाम से रीब्रांड किया गया.
  • साल 1957 में एआईआर का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया गया.


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