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‘शी जिनपिंग ने मुझे न्यौता दिया…’, जानिए चीन के ट्रेड टेरिफ पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप

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Posted On:Friday, June 6, 2025

अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चला आ रहा व्यापारिक तनाव एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में है। लेकिन इस बार हालात में नरमी के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई टेलीफोनिक बातचीत ने दुनिया भर के बाजारों और राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया है।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए इस कॉल को "बहुत अच्छी बातचीत" बताया और कहा कि अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी है। हालांकि कुछ अहम बिंदु अभी भी बातचीत के लिए बचे हुए हैं, लेकिन समग्र रूप से माहौल सकारात्मक बताया जा रहा है।


टेलीफोन कॉल में क्या हुआ?

डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार, करीब डेढ़ घंटे चली इस बातचीत में दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक तनाव और विवादित मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने और शी जिनपिंग ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों पक्षों की टीमें बैठक करेंगी और आगे की रणनीति तय करेंगी।

उन्होंने यह भी बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें चीन आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। साथ ही, ट्रंप ने भी शी को अमेरिका आने का आमंत्रण दिया, जिसे चीन की ओर से भी स्वीकार कर लिया गया।


समझौते की नई संभावनाएं

ट्रंप ने पत्रकारों को बताया कि अमेरिका के पास "एक डील" है, और वह इसे अंतिम रूप देने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह समझौता किस स्तर तक पहुंचा है, लेकिन इतना जरूर कहा कि “हम काफी मजबूत स्थिति में हैं”।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और चीन रेयर अर्थ मेटल्स, मैगनेट्स और तकनीकी उत्पादों से जुड़े विवादों को हल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी जिक्र किया कि अमेरिका के पास सभी जरूरी संसाधन हैं और चीन के साथ का यह व्यापार समझौता अमेरिका के लिए फायदेमंद साबित होगा।


ट्रंप ने किसे सौंपी जिम्मेदारी?

ट्रंप ने बताया कि अमेरिका की ओर से इस बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। इसमें वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक, ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट, और व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर शामिल होंगे। ये अधिकारी चीन के उच्चस्तरीय अधिकारियों से मुलाकात कर अगली रूपरेखा तैयार करेंगे।


ट्रेड टैरिफ को लेकर ट्रंप का रुख

जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या इस बातचीत से ट्रेड टैरिफ (आयात शुल्क) में कोई बदलाव आएगा, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि,

“हमारे पास एक डील है… मैं इसे अंतिम रूप देने की बात नहीं करूंगा, लेकिन हम चाहते हैं कि सभी पक्ष इस डील को समझें और मानें।”

इस बयान से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि अमेरिका फिलहाल टैरिफ घटाने की बात से पीछे नहीं हट रहा, लेकिन यदि समझौता संतोषजनक रहा, तो भविष्य में इसमें नरमी देखी जा सकती है।


व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि

यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच पिछले कई वर्षों से ट्रेड वॉर चल रहा है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर अरबों डॉलर के आयात शुल्क लगाए थे। अमेरिका चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी, गैर-बराबरी वाले व्यापार नियम और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का आरोप लगाता रहा है, जबकि चीन ने अमेरिका की नीतियों को "अनुचित दबाव" करार दिया है।

हालांकि बीते कुछ महीनों में चीन की अर्थव्यवस्था में धीमापन और अमेरिका में महंगाई के बढ़ते दबाव ने दोनों देशों को एक समझौते की ओर मजबूर किया है।


वैश्विक बाजारों में असर

ट्रंप और शी के बीच इस बातचीत की खबर के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में सकारात्मक रुझान देखने को मिला। अमेरिकी डॉलर में मजबूती और एशियाई बाजारों में उछाल देखा गया। खासकर टेक कंपनियों और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज को इस संभावित समझौते से बड़ा फायदा हो सकता है।


निष्कर्ष: समझदारी की ओर बढ़ते कदम

ट्रंप और शी जिनपिंग की यह बातचीत इस बात का संकेत है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अब टकराव की बजाय समाधान की राह पर हैं। हालांकि कुछ मुद्दे अभी भी शेष हैं, लेकिन संवाद की शुरुआत अपने-आप में एक बड़ा कदम है।

यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले महीनों में अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के अध्याय का एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक अंत हो सकता है। इससे न केवल दोनों देशों को लाभ होगा, बल्कि वैश्विक व्यापारिक माहौल में भी स्थिरता आएगी।


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