वॉशिंगटन — अमेरिका की राजनीति और तकनीक की दुनिया के दो सबसे ताकतवर नाम — डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क — अब एक बेहद गंभीर और सार्वजनिक टकराव में उलझ चुके हैं। यह विवाद अब महज़ निजी बयानबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारी सब्सिडी, अंतरिक्ष अनुबंधों और महाभियोग की मांग तक पहुंच चुका है।
यह विवाद इसलिए भी बड़ा है क्योंकि इसके केंद्र में अमेरिका की राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति, करोड़ों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति शामिल है।
ट्रंप की खुली चेतावनी: “मस्क की सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म होंगे”
हाल ही में ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए सीधे तौर पर एलन मस्क को निशाना बनाते हुए कहा:
“अगर हमें बजट में अरबों डॉलर बचाने हैं, तो सबसे आसान तरीका है — मस्क की सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म करना। मुझे अब तक हैरानी है कि बाइडेन ने ये कदम क्यों नहीं उठाया?”
यह बयान ऐसे समय पर आया जब अमेरिका में टैक्स बिल पर बहस चल रही है, जो ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) सब्सिडी को समाप्त करने की दिशा में बढ़ रहा है।
मस्क का जवाब: “ड्रैगन यान बंद, नासा की मुश्किल बढ़ेगी”
मस्क ने ट्रंप के इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और स्पेस एक्स के ड्रैगन यान कार्यक्रम को बंद करने की धमकी दे दी।
यह वही यान है जिसकी मदद से नासा के अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचते हैं। मस्क ने लिखा:
“अगर अमेरिका की सरकार को लगता है कि वो कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म कर देगी, तो हम भी ड्रैगन मिशन रोक सकते हैं। क्या ट्रंप जानते हैं कि इससे नासा की योजनाओं पर क्या असर होगा?”
महाभियोग की मांग और ‘इप्सटन फाइल्स’ का जिक्र
मस्क ने इस टकराव को केवल नीति तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की मांग भी कर दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:
“अब समय आ गया है कि ट्रंप के खिलाफ बड़ा बम गिराया जाए।”
मस्क ने जेडी वेंस को अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनाने की वकालत की और दावा किया कि ट्रंप का नाम "इप्सटन फाइल्स" में शामिल है — यह वही फाइल्स हैं जिनमें मानव तस्करी और सेक्स स्कैंडल से जुड़ी जानकारियाँ शामिल हैं।
ट्रंप ने हालांकि इन आरोपों को “पब्लिसिटी स्टंट” बताया और मस्क को "धोखेबाज" करार दिया।
चुनाव और पुराना सहयोग: “ट्रंप की जीत में मेरा हाथ था”
मस्क ने एक और चौंकाने वाला बयान देकर दावा किया कि ट्रंप की पिछली चुनावी जीत में उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने कहा:
“अगर मैं ट्रंप को 250 मिलियन डॉलर की सहायता न देता, तो वे चुनाव नहीं जीतते। अब वे वही व्यक्ति मेरे खिलाफ साजिशें रच रहे हैं।”
इस बयान से यह साफ हो गया कि ट्रंप और मस्क के बीच जो कभी मजबूत रिश्ता था, वह अब पूरी तरह से टूट चुका है।
क्या है असर?
इस विवाद का असर टेस्ला के शेयरों पर तो पहले से ही देखा जा रहा है — पिछले कुछ दिनों में शेयरों में 10% तक की गिरावट आई है। लेकिन अब इसकी चपेट में अंतरिक्ष कार्यक्रम, EV इंडस्ट्री, और राजनीतिक संतुलन भी आने लगे हैं।
विश्लेषक मानते हैं कि अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो मस्क की कंपनियों को सरकारी ठेकों में कटौती झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर मस्क अपने दावे पर अडिग रहते हैं और ड्रैगन यान जैसे मिशन बंद करते हैं, तो नासा को वैकल्पिक विकल्पों पर भारी खर्च उठाना पड़ेगा।
निष्कर्ष: अब यह सिर्फ विवाद नहीं, बल्कि शक्ति संघर्ष है
ट्रंप और मस्क के बीच चल रहा यह विवाद अब महज एक कारोबारी और नेता के बीच का नहीं रहा — यह अमेरिकी नीति, टेक्नोलॉजी और राजनीतिक भविष्य के केंद्र में आ गया है।
जहाँ एक तरफ ट्रंप बजट में कटौती के नाम पर टेक कंपनियों को निशाना बना रहे हैं, वहीं मस्क उन्हें अंधकारमय भविष्य की चेतावनी दे रहे हैं।
अब देखना होगा कि इस टकराव का अंत किस मोड़ पर होता है — समझौता, राजनीतिक नुकसान या तकनीकी विफलता?
एक बात तय है — अमेरिकी राजनीति और उद्योग दोनों में उथल-पुथल मची है, और इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है।