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ट्रंप ने कैसे गढ़ी सीजफायर की कहानी? एक के बाद एक 10 ट्वीट कर खुद को बताया ‘मसीहा’

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Posted On:Tuesday, June 24, 2025

इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों से चल रही जंग ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी। इस जंग में जब अमेरिकी हमलों के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमला किया, तब हालात और भी गंभीर हो गए। लेकिन उसी वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए एक नई कहानी गढ़नी शुरू कर दी, जिसने स्थिति को शांति की ओर मोड़ दिया। ट्रंप ने अपने “ट्रूथ सोशल” अकाउंट पर एक के बाद एक 10 ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने खुद को ‘मसीहा’ साबित करने की पूरी कोशिश की और अमेरिका की सुपरपावर स्थिति को दोहराया।


ट्रंप के पहले ट्वीट की कहानी

ट्रंप ने सबसे पहले लिखा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। इसके जवाब में ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर 14 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 13 मिसाइलें गिरा दी गईं, जबकि एक मिसाइल गलत दिशा में चली गई। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस हमले में किसी अमेरिकी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और बेस को भी शायद ही कोई नुकसान हुआ हो। उन्होंने यह दावा किया कि ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने से पहले उन्हें सूचित कर दिया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।

ट्रंप ने इस ट्वीट में कहा कि उम्मीद है अब क्षेत्र में शांति और सद्भाव स्थापित होगा और वह इजरायल को भी ऐसे कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इस ट्वीट के जरिए ट्रंप ने खुद को शांति स्थापितकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया।


दूसरा ट्वीट: सीजफायर की घोषणा

ट्रंप ने दूसरे ट्वीट में बताया कि इजरायल और ईरान के बीच 12 घंटे के लिए पूर्ण युद्ध विराम पर सहमति बन गई है। इसके 6 घंटे बाद ईरान अपने अंतिम मिशन पूरा करेगा और युद्ध विराम की शुरुआत करेगा, जबकि 12 घंटे बाद इजरायल युद्ध विराम करेगा। इसके बाद 24 घंटे में यह 12 दिवसीय युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त घोषित हो जाएगा।

उन्होंने लिखा कि इस दौरान दोनों देश एक-दूसरे के साथ सम्मानपूर्वक और शांतिपूर्वक व्यवहार करेंगे। ट्रंप ने इजरायल और ईरान दोनों को बधाई देते हुए कहा कि उनके पास इस कठिन परिस्थिति को खत्म करने के लिए हिम्मत, साहस और समझदारी थी। उन्होंने कहा कि यह युद्ध सालों तक चल सकता था और पूरे मध्य पूर्व को तबाह कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


तीसरा ट्वीट: कतर को धन्यवाद

ट्रंप ने कतर के प्रधानमंत्री को शांति की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा कि कतर में अमेरिकी बेस पर हुए हमले में कोई भी अमेरिकी या कतर का नागरिक घायल या मारा नहीं गया। इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हुई कि कतर ने ईरान और इजरायल के बीच मध्यस्थता कर सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई है।


चौथा ट्वीट: शांति और भविष्य की बात

ट्रंप ने चौथे ट्वीट में लिखा कि इजरायल और ईरान शांति के लिए उनके पास आए हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मध्य पूर्व में शांति और समृद्धि का दौर शुरू हो। उन्होंने भविष्य के लिए इन दोनों देशों के बीच प्रेम, शांति और समृद्धि की कामना की और कहा कि अगर दोनों धर्म और सत्य के मार्ग से भटकेंगे तो उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ेगा। ट्रंप ने दोनों देशों के लिए ईश्वर से आशीर्वाद की प्रार्थना की।


ट्रंप की ट्वीट्स से हुआ क्या प्रभाव?

ट्रंप की ये लगातार ट्वीट्स सोशल मीडिया और वैश्विक मीडिया में छाए रहे। उन्होंने खुद को शांति निर्माता, रणनीतिकार और अमेरिका के एक सशक्त नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया। ट्रंप की इस रणनीति से:

  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शांति की उम्मीद जगी।

  • अमेरिका की भूमिका को एक प्रभावशाली मध्यस्थ के रूप में देखा गया।

  • ट्रंप के समर्थकों ने इसे उनकी कूटनीतिक सफलता बताया।

हालांकि आलोचक कहते हैं कि ट्रंप ने खुद के प्रचार के लिए इस सीजफायर की कहानी को ज्यादा बड़ा दिखाया और वास्तविक युद्ध की जटिलताओं को हल्का कर दिया।


क्या यह सीजफायर स्थायी होगा?

जहां ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक युद्ध विराम कहा, वहीं विश्लेषक और क्षेत्रीय विशेषज्ञ इस बात पर शक जता रहे हैं कि क्या इस सीजफायर से मध्य पूर्व में स्थायी शांति आएगी। कारण हैं:

  • दोनों देशों के बीच गहरा विश्वासाभाव।

  • क्षेत्रीय शक्तियों की आपसी टकराहट।

  • धार्मिक, राजनीतिक और भू-राजनीतिक तनाव।

फिर भी ट्रंप की इस पहल ने स्पष्ट कर दिया कि युद्ध को समाप्त करना पूरी दुनिया के लिए जरूरी है और कूटनीतिक प्रयासों को बढ़ावा देना होगा।


निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-ईरान युद्ध के बीच खुद को एक शांति निर्माता के रूप में स्थापित किया और सोशल मीडिया के जरिए सीजफायर की कहानी बड़ी बाख़ूबी गढ़ी। उनके लगातार ट्वीट्स ने युद्ध की धार को पलटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे 12 दिन से चल रहे संघर्ष को विराम मिला।

यह सीजफायर एक छोटी सी उम्मीद लेकर आया है कि शायद मध्य पूर्व के जटिल और लंबे संघर्षों का अंत निकट है। पर असली परीक्षा अभी बाकी है कि क्या दोनों देश वादों के प्रति ईमानदार रहेंगे और शांति की दिशा में स्थायी कदम बढ़ाएंगे।


ट्रंप की सीजफायर की हानी ने यह दिखा दिया कि सही समय पर सही संदेश, सही मंच पर देने से विश्व राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।


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