अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए जाने की चाहत रखने वाले भारतीय युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। अमेरिका ने स्टूडेंट वीजा सर्विस को एक बार फिर शुरू कर दिया है। लेकिन इस बार वीजा आवेदन प्रक्रिया में एक अहम बदलाव किया गया है — अब आवेदकों के लिए सोशल मीडिया स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसका मतलब है कि अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसियां अब छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहराई से जांच करेंगी और तभी वीजा को मंजूरी मिलेगी।
क्या है नया नियम?
अमेरिकी विदेश विभाग (U.S. Department of State) ने स्टूडेंट वीजा (F-1 Visa) को फिर से शुरू करते हुए स्पष्ट किया है कि:
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वीजा के लिए आवेदन करने वाले हर छात्र को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स सार्वजनिक (Public) करने होंगे।
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फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, लिंक्डइन जैसे अकाउंट्स की जांच की जाएगी।
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अमेरिकी इमिग्रेशन अफसर यह जांच करेंगे कि आवेदक की पोस्ट्स में अमेरिका या उसकी सरकार के खिलाफ, संवेदनशील या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़ा कोई कंटेंट तो नहीं है।
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यदि सोशल मीडिया स्क्रीनिंग में आवेदक की पृष्ठभूमि संदिग्ध या विरोधी पाई जाती है, तो वीजा रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
छात्रों के लिए क्या है राहत की बात?
यह नियम भले ही सख्त प्रतीत हो, लेकिन स्टूडेंट वीजा सर्विस का फिर से शुरू होना उन हजारों छात्रों के लिए एक राहत है जो लंबे समय से अमेरिका में पढ़ाई के लिए वीजा का इंतजार कर रहे थे। भारत, चीन, मैक्सिको और फिलीपींस जैसे देशों से हर साल हजारों छात्र अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में प्रवेश लेते हैं। कोविड और सुरक्षा कारणों से इंटरव्यू प्रोसेस कुछ समय के लिए रोका गया था, जिसे अब बहाल कर दिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
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मेरिका की सुरक्षा प्राथमिकता:
हाल के वर्षों में वैश्विक आतंकवाद, साइबर सुरक्षा खतरों और विदेशी दखल की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अमेरिका ने यह कदम उठाया है।
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इजराइल-ईरान युद्ध और वैश्विक तनाव:
वर्तमान में अमेरिका पर संभावित सुरक्षा हमलों की आशंका को लेकर ट्रंप प्रशासन सतर्क है। लॉस एंजेलिस और अन्य शहरों में हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद से अमेरिका आने वाले हर व्यक्ति की बारीकी से जांच की जा रही है।
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फर्जी दस्तावेज और एजेंडा वाली एंट्री पर रोक:
यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई छात्र शिक्षा के बहाने अमेरिका में घुसकर किसी अवैध या राजनीतिक गतिविधि में शामिल न हो।
आवेदन की प्रक्रिया में बदलाव
अब स्टूडेंट वीजा के आवेदनकर्ता को निम्नलिखित नई बातें सुनिश्चित करनी होंगी:
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वीजा फॉर्म में अपने पिछले 5 वर्षों के सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी देनी होगी।
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इन अकाउंट्स को प्राइवेट मोड से हटाकर पब्लिक मोड में रखना होगा।
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इंटरव्यू के दौरान दूतावास अधिकारी इन अकाउंट्स को रियल-टाइम में चेक कर सकते हैं।
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यदि कोई गतिविधि संदिग्ध पाई गई, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
से होगा सबसे ज्यादा असर?
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ऐसे छात्र जो राजनीतिक या संवेदनशील विषयों पर सोशल मीडिया पर अपनी राय खुलकर रखते हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी होगी।
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जो छात्र फर्जी या डुप्लीकेट सोशल मीडिया प्रोफाइल्स का इस्तेमाल करते हैं, वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
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स्टडी वीजा एजेंट्स को भी छात्रों को अब इस नए नियम के बारे में जागरूक करना अनिवार्य होगा।
क्या करें छात्र? सुझाव और सावधानियां
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सोशल मीडिया सफाई करें:
आवेदन करने से पहले सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की पोस्ट, फॉलोइंग और ग्रुप मेंबरशिप की समीक्षा करें।
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देशविरोधी, भड़काऊ पोस्ट हटाएं:
अगर आपने अतीत में किसी देश, धर्म, या संस्कृति के खिलाफ कुछ पोस्ट किया है, तो उसे तुरंत डिलीट करें।
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प्रोफेशनल और संतुलित प्रोफाइल बनाएं:
शिक्षा, करियर और अपने रुचियों से जुड़ा कंटेंट ही प्रमुखता से रखा जाए।
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वीजा इंटरव्यू में ईमानदारी बरतें:
सोशल मीडिया को लेकर झूठ बोलना वीजा रिजेक्शन का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।
निष्कर्ष: सख्ती के साथ अवसर भी
अमेरिका में उच्च शिक्षा के सपने देखने वाले युवाओं के लिए यह मौका भी है और चेतावनी भी। स्टूडेंट वीजा सर्विस का बहाल होना निश्चित रूप से एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब किसी भी आवेदक की पृष्ठभूमि पूरी तरह जांचे बिना प्रवेश नहीं मिलेगा।
जागरूक, जिम्मेदार और डिजिटल रूप से सुरक्षित बनें, ताकि आपके सपनों की उड़ान बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके।