अहमदाबाद न्यूज डेस्क: बिहार विधानसभा चुनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। दिवाली से पहले 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की संभावना जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार दर्जनभर मंत्री इस बार मंत्रिमंडल से बाहर हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो 2021 की 'नो रिपीट थ्योरी' के बाद यह बीजेपी की गुजरात में बड़ी सर्जरी मानी जाएगी।
गुजरात विधानसभ चुनाव में अभी दो साल का समय है, लेकिन इन घटनाक्रमों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत भी राज्य में मौजूद रहेंगे। संघ प्रमुख के दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरान कई जिलों की जिम्मेदारी संघ के बैकग्राउंड वाले स्वयंसेवकों को सौंपी गई है, जिससे बीजेपी संगठन में संघ की छाप और मजबूत होती दिखाई दे रही है।
डॉ. मोहन भागवत का कार्यक्रम भी सामने आया है। 15 अक्टूबर को वह प्रातः 9.30 बजे से 11.45 बजे तक प्रेक्षा विश्व भारती ध्यान केंद्र, कोबा, गांधीनगर में पूज्य आचार्य महाश्रमणजी के साथ उपहार और व्याख्यान में शामिल होंगे। दोपहर 12.30 बजे कर्णावती संघ कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक और साक्षात्कार करेंगे। अगले दिन 16 अक्टूबर को वह कर्णावती से प्रस्थान करेंगे।
सूत्रों के अनुसार संघ प्रमुख का यह दो दिवसीय प्रवास कई अनौपचारिक बैठकों का मंच भी बनेगा। गुजरात बीजेपी के नए संगठन में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। संभावना है कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और नए बीजेपी अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा भी संघ प्रमुख से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरे को गुजरात की आगामी राजनीतिक रणनीति और चुनावी तैयारी के संदर्भ में अहम माना जा रहा है।