अहमदाबाद न्यूज डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल की यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे अहमदाबाद शहर में विकास की राह में अतिक्रमण हटाने का बड़ा फैसला लिया गया था। उस वक्त स्थानीय भाजपा नेताओं ने उन्हें चेताया था कि निकाय चुनाव नजदीक हैं और इस तरह के कदम से पार्टी को नुकसान होगा। बावजूद इसके, मोदी ने विकास को प्राथमिकता दी और अभियान को पूरा किया। नतीजा यह रहा कि न केवल अहमदाबाद की सड़कों का विस्तार हुआ, बल्कि चुनाव में भी भाजपा को 90% से अधिक सीटों पर जीत हासिल हुई।
मोदी ने कहा कि आमतौर पर यह मान लिया जाता है कि जनता विकास के रास्ते में रुकावट बनती है, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। अगर जनता को ठीक से समझाया जाए तो वह विकास में साथ देती है। उन्होंने कहा कि नेताओं को 'ना' और अफसरों को 'हां' कहना बंद करना चाहिए। तभी बदलाव संभव है। उन्होंने इस दौरान शहरों के अनियंत्रित विस्तार की बात भी उठाई और कहा कि अब वक्त आ गया है कि शहर जनसंख्या की नहीं, अर्थव्यवस्था की दृष्टि से विकसित हों। उन्होंने देशभर की नगरपालिकाओं से आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जैसे शरीर में कांटा चुभने से पूरा शरीर व्याकुल हो जाता है, वैसे ही देश को नुकसान पहुंचाने वाले कांटों को निकाल फेंकना जरूरी है। उन्होंने 1947 के विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि तभी से कश्मीर पर पहला आतंकी हमला हुआ और पाकिस्तान ने भारत के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया। अगर उसी वक्त कड़ा रुख अपनाया गया होता, तो शायद आतंकवाद की यह समस्या 75 सालों तक नहीं खिंचती।
मोदी ने हाल ही में पहलगाम में हुई आतंकी कार्रवाई और छह मई की घटना का भी उल्लेख किया, जहां 22 मिनट में आतंकियों के नौ ठिकानों को तबाह कर दिया गया। उन्होंने बताया कि यह पूरा ऑपरेशन कैमरे के सामने किया गया ताकि सबूत देने की नौबत ही न आए। उन्होंने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वहां आतंकियों को सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार दिया जाता है, उनके ताबूत पर राष्ट्रीय झंडा लपेटा जाता है और सेना सलामी देती है, जो यह साफ दर्शाता है कि यह प्रॉक्सी युद्ध नहीं, सीधा युद्ध है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा, बल्कि हमलावरों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।