अहमदाबाद न्यूज डेस्क: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को भारत ने सिरे से नकार दिया है। संयुक्त राष्ट्र की विमानन एजेंसी ICAO ने हादसे के बाद भारत को अपने जांचकर्ता भेजने की पेशकश की थी, लेकिन रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने इसे अस्वीकार कर दिया। हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद ब्लैक बॉक्स डेटा विश्लेषण में देरी पर कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई थी।
यह पहली बार नहीं है जब ICAO ने किसी जांच में मदद करने की पेशकश की हो। इससे पहले 2014 में मलेशियन विमान के लापता होने और 2020 में यूक्रेनी जेटलाइनर की दुर्घटना में भी एजेंसी ने जांचकर्ताओं को भेजा था, लेकिन तब देशों ने स्वयं सहायता मांगी थी। इस बार ICAO ने भारत से अपने एक जांचकर्ता को केवल पर्यवेक्षक के रूप में शामिल करने की अनुमति मांगी थी।
हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इस अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने ICAO के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इस पर अभी तक न तो एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और न ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है। लेकिन मंत्रालय ने यह ज़रूर बताया कि ब्लैक बॉक्स डेटा दुर्घटना के दो हफ्ते बाद डाउनलोड कर लिया गया था।
जांच प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों के बीच कुछ विशेषज्ञों ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि क्या फ्लाइट रिकॉर्डर का डेटा भारत में विश्लेषित होगा या अमेरिका भेजा जाएगा। वहीं मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों और ICAO के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। बता दें कि ऐसे हादसों की शुरुआती रिपोर्ट लगभग 30 दिनों में जारी होती है।