अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद विमान हादसे ने कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल दिया। इस हादसे में कई लोग ऐसे थे जो अपने बच्चों के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए विदेश जा रहे थे। उन्हीं में से एक थीं लंदन में पढ़ाई कर रही ध्वनि, जो मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट की स्टूडेंट हैं। 23 जून को होने वाले अपने ग्रेजुएशन डे को लेकर वो बेहद उत्साहित थीं। उनके माता-पिता रजनी पटेल और दिव्याबेन ने ध्वनि के लिए सरप्राइज गिफ्ट्स – स्नैक्स, नए जूते और घड़ी – पैक किए थे और अपनी बहन हेमांगी के साथ लंदन के लिए रवाना हुए थे।
ध्वनि बताती हैं कि उनके माता-पिता ने पहले 20 जून की फ्लाइट बुक की थी, लेकिन बाद में उन्हें ज्यादा वक्त साथ बिताने के लिए 12 जून की उड़ान ले ली। यह उनके परिवार में पहली बार था कि कोई विदेश में दीक्षांत समारोह में हिस्सा ले रहा था। ध्वनि ने उनसे गुज़ारिश की थी कि वो कुछ दिन लंदन में रुकें क्योंकि वहां का मौसम अच्छा रहता है और वो अपने प्लेसमेंट से पहले कुछ समय उनके साथ बिताना चाहती थीं।
दुर्भाग्य से, एअर इंडिया की ड्रीमलाइनर फ्लाइट में सवार होकर निकला ये सफर उनके माता-पिता और मौसी के लिए आखिरी साबित हुआ। दूसरी ओर, खुद ध्वनि भी फ्लाइट रूट में बदलाव और इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण कई देशों से होकर 14 जून को भारत लौटीं। उन्होंने बताया कि उनकी फ्लाइट को ऑस्ट्रिया और मिलान होते हुए वापस यूके भेजा गया, जहां से उन्होंने दूसरी फ्लाइट ली।
ध्वनि की ही तरह कई और छात्र इस दर्द से गुजर रहे हैं। अहमदाबाद के प्रथम नंदा, जो नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे थे, इस हादसे में अपने माता-पिता और छोटे भाई प्रयास को खो बैठे। उनके परिवार का प्लान था कि वे न केवल प्रथम के समारोह में हिस्सा लेंगे, बल्कि प्रयास के लिए यूनिवर्सिटी भी देखेंगे। वहीं, राजकोट की ग्रेसी सागपारिया, जो यूनिवर्सिटी ऑफ क्रिएटिव आर्ट्स, एप्सम से फैशन डिजाइन का कोर्स कर रही थीं, उन्हें भी अपने पिता की अकेले यात्रा पर चिंता थी, क्योंकि उनकी मां का वीजा रद्द हो गया था। बावजूद इसके, उन्होंने अपने पिता को प्रेरित किया कि वे यह मौका गंवाएं नहीं—जो अब एक याद बनकर रह गया।