अहमदाबाद न्यूज डेस्क: फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने एयर इंडिया की एआई-171 फ्लाइट हादसे पर प्रकाशित हुई वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स की रिपोर्टिंग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। एफआईपी अध्यक्ष सीएस रंधावा ने पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों संस्थानों को नोटिस भेजकर माफी की मांग की गई है। एफआईपी का कहना है कि इन रिपोर्टों ने जांच पूरी होने से पहले ही निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया, जो बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।
एफआईपी ने रॉयटर्स और डब्ल्यूएसजे को भेजे ईमेल में कहा कि इस तरह की अटकलों से भारतीय विमानन सेक्टर में अनावश्यक डर और आक्रोश फैल सकता है। साथ ही यह भी साफ किया कि ऐसी रिपोर्टिंग, जो बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के की गई है, पायलटों की छवि को नुकसान पहुंचाती है। एफआईपी ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से अपील की कि वह जांच एजेंसियों की आधिकारिक रिपोर्ट आने तक किसी भी तरह की अटकलों से बचें।
ईमेल में यह भी कहा गया कि मृत पायलटों पर आरोप लगाने जैसी रिपोर्टिंग से उनके परिवारों को मानसिक आघात पहुंचा है। साथ ही इससे पायलट समुदाय का मनोबल भी गिरा है, जो पहले से ही भारी जिम्मेदारी और दबाव में काम करता है। एफआईपी ने कहा कि किसी भी पायलट के खिलाफ बिना पुष्टि के की गई टिप्पणी उसकी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचाती है।
गौरतलब है कि 12 जून को हुई एयर इंडिया एआई-171 फ्लाइट की दुर्घटना की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। एफआईपी ने दोहराया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक मीडिया को किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। इस पूरे मामले में फेडरेशन ने माफीनामा जारी करने की भी मांग की है और चेताया है कि जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई आगे भी बढ़ाई जाएगी।