अहमदाबाद न्यूज डेस्क: चार महीने के भीतर एयर इंडिया के दो बोइंग ड्रीमलाइनर B-787 विमानों में एक जैसी तकनीकी समस्या सामने आई। 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में इस तकनीकी खामी के कारण बड़ा विमान हादसा हुआ था, जबकि 4 अक्टूबर, 2025 को अमृतसर से बर्मिंघम जा रहे दूसरे विमान के यात्री बाल-बाल बच गए। दोनों विमान भारत से यूके के मार्ग पर थे। अहमदाबाद का विमान गेटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रहा था, जबकि दूसरा अमृतसर से बर्मिंघम के लिए उड़ान भर रहा था।
दोनों ही विमानों में रैम एयर टर्बाइन (RAT) नामक आपातकालीन उपकरण खुद-ब-खुद सक्रिय हो गया। आमतौर पर RAT केवल तब सक्रिय होता है जब विमान में इलेक्ट्रिकल या हाइड्रोलिक प्रणाली में समस्या आती है। अहमदाबाद हादसे में RAT टेकऑफ के दौरान 625 फीट की ऊँचाई पर सक्रिय हुआ और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई। वहीं अमृतसर-बर्मिंघम विमान में RAT लैंडिंग के समय 500 फीट की ऊँचाई पर सक्रिय हुआ, लेकिन विमान सुरक्षित लैंड कर गया और सभी यात्री सुरक्षित रहे। एयर इंडिया के बयान के अनुसार, “फाइनल अप्रोच के दौरान RAT तैनात हो गया, लेकिन सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक पैरामीटर सामान्य पाए गए।”
पायलट्स फेडरेशन (FIP) ने इस घटना के बाद डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुरोध किया है कि भारत में संचालित सभी B-787 विमानों के इलेक्ट्रिकल सिस्टम और एयर कंडीशनिंग यूनिट की पूरी तरह जांच की जाए। FIP का कहना है कि अहमदाबाद हादसे के बाद केवल एयर इंडिया के B-787 बेड़े के फ्यूल कंट्रोल स्विचों की जांच हुई थी, जबकि समस्या के स्रोत की व्यापक पड़ताल जरूरी है। एयरक्राफ्ट ऐक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने प्राथमिक रिपोर्ट में कहा कि AI-171 दुर्घटना का कारण इंधन स्विच कंट्रोल फेल होना था।
एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार RAT पंखों वाला टर्बाइन हवा से चलकर बिजली पैदा करता है और आपातकालीन स्थिति में विमान को सुरक्षित लैंड कराने में मदद करता है। इस तकनीकी खामी से विमान सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं। एयर इंडिया और बोइंग दोनों ही कंपनियों को इस मामले की गहन जांच कर एयरलाइन सुरक्षा मानकों को मजबूत करने की जरूरत है।