अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले की जांच में अब ह्यूमन फैक्टर स्पेशलिस्ट्स को भी शामिल किया गया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने संसद में बताया कि ये विशेषज्ञ हादसे और सुरक्षा घटनाओं के पीछे मानव कारकों का विश्लेषण करेंगे और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए डिज़ाइन सुधार के सुझाव देंगे। जांच में सभी तकनीकी, संचालन और मानव-व्यवहार से जुड़े पहलुओं की गहन पड़ताल की जा रही है।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने 17 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि विमान के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने जानबूझकर दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी। हालांकि, भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने WSJ की रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि जांच अभी जारी है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
यह हादसा 12 जून को हुआ था जब एअर इंडिया का विमान अहमदाबाद में क्रैश हो गया। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें केवल एक की जान बची। मेडिकल हॉस्टल पर विमान गिरने से 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुल मृतकों की संख्या 270 पहुंच गई। मोहोल ने संसद में जानकारी दी कि 2025 में अब तक आठ विमान हादसे हुए हैं— जिनमें एक शेड्यूल्ड एयरक्राफ्ट, तीन ट्रेनी विमान और चार हेलिकॉप्टर शामिल हैं— और इनसे 274 लोगों की जान गई है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन से हैरानी में पूछा था, “आपने फ्यूल स्विच को ‘CUTOFF’ पोज़िशन में क्यों कर दिया?” रिपोर्ट का दावा है कि उस वक्त को-पायलट की आवाज़ में घबराहट थी, जबकि कैप्टन पूरी तरह शांत दिखाई दिए। हालांकि, आधिकारिक एजेंसियां इस दावे को मानने से पहले जांच पूरी करने पर जोर दे रही हैं।