अहमदाबाद न्यूज डेस्क: सूरत साइबर क्राइम सेल ने एक बड़ी ठगी का पर्दाफाश करते हुए डिजिटल अरेस्ट के मामले में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।इन आरोपियों ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर सूरत के एक बुजुर्ग व्यक्ति को डेढ़ महीने तक मानसिक दबाव में रखा और एक करोड़ पांच लाख रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित को वीडियो कॉल पर डराया गया कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 6.89 करोड़ रुपये का केस दर्ज है, जिसमें एक बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने उनका नाम लिया है।
आरोपियों ने बुजुर्ग को यह कहकर झांसे में लिया कि अगर वह निर्दोष हैं तो 48 घंटे के भीतर आरबीआई उन्हें रकम वापस लौटा देगा। इसी बहाने उन्होंने पीड़ित के बैंक खातों से जुड़ी सारी जानकारी निकलवा ली और अलग-अलग अकाउंट्स में रकम ट्रांसफर करवा ली। जब बुजुर्ग को शक हुआ, तो उन्होंने 5 मार्च 2025 को साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद सूरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में आईटी एक्ट और बीएनएस की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
जांच के दौरान जब तकनीकी साक्ष्यों और बैंक ट्रांजेक्शंस की पड़ताल की गई, तो पुलिस टीम को अहमदाबाद भेजा गया। वहां से मुख्य आरोपी नरेशभाई चौहान, संजय सोलंकी, अब्दुलरहमान शेख और हर्ष परमार को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले इस केस में कैलासबेन भंडेरी और ऋद्धेश अंटाला की गिरफ्तारी हो चुकी थी। फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी है, जिससे यह साफ हो सके कि इस गिरोह के तार और किन-किन जगहों से जुड़े हैं।