अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद से एक साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, जिसने एक ट्रांसपोर्टर को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया। चांगोदर इलाके में रहने वाले 45 वर्षीय ट्रांसपोर्टर, जो महादेव लॉजिस्टिक्स चलाते हैं, पिछले महीने साइबर अपराधियों के शिकार बन गए। उन्हें 16 जुलाई को एक कॉल आया, जिसमें व्यक्ति ने खुद को उनके बैंक के कस्टमर केयर डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड में गड़बड़ी है और इसे ठीक करने के लिए पर्सनल डिटेल चाहिए।
ट्रांसपोर्टर ने पहले इसे संदेहजनक समझकर लिंक को डिलीट कर दिया। लेकिन उनके कार्ड को ब्लॉक कर नया कार्ड आने की सूचना मिलने के बाद साइबर अपराधियों ने व्हाट्सऐप पर लगातार परेशान किया। उन्होंने कहा कि उनके कार्ड की लिमिट रिजर्व बैंक के नए नियमों के अनुसार बढ़ाई जा रही है, जबकि ट्रांसपोर्टर ने ऐसा अनुरोध नहीं किया था।
इसके बाद अपराधियों ने उनके नाम पर 5 नए क्रेडिट कार्ड बनवाए और उनके मौजूदा कार्ड का इस्तेमाल करते हुए 16 जुलाई से 4 अगस्त के बीच कुल 50 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए। ये ट्रांजेक्शन फ्रीचार्ज और मोबिक्विक जैसे पेमेंट गेटवे के जरिए “शैक्षणिक” या “संस्थागत” खर्च के नाम पर किए गए। साथ ही, एक प्राइवेट बैंक से उनके नाम पर लोन भी निकाल लिया गया। ट्रांसपोर्टर को तब तक धोखाधड़ी का पता नहीं चला, जब तक उन्हें ईमेल स्टेटमेंट्स नहीं मिले। कुल नुकसान 13.87 लाख रुपये का हुआ।
पुलिस जांच में जुटी
चांगोदर पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस अब डिजिटल ट्रैक, फोन नंबर और लेन-देन के माध्यम से अपराधियों का पता लगाने में लगी हुई है।