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ESIC के तहत नौकरियों में बढ़ोतरी, मार्च में 5.8% की बढ़त, 16.3 लाख नए कर्मचारी शामिल

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Posted On:Monday, May 26, 2025

भारत में आर्थिक सुधार और रोज़गार के क्षेत्र में मार्च 2025 एक सकारात्मक संकेत लेकर आया है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस महीने ESIC के तहत रजिस्ट्रेशन करने वाले कर्मचारियों और कंपनियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह न केवल रोजगार के बढ़ते अवसरों को दर्शाता है, बल्कि सरकार की सोशल सिक्योरिटी योजनाओं में लोगों का विश्वास भी दिखाता है।

मार्च में 16.3 लाख नए कर्मचारी जुड़े

श्रम और रोजगार मंत्रालय के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2025 में 16.3 लाख नए कर्मचारियों ने ESIC के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराया। यह फरवरी के मुकाबले 5.79% अधिक है, जब 15.4 लाख नए कर्मचारी इस योजना से जुड़े थे। यह दर्शाता है कि देश में रोजगार के अवसरों में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है और निजी क्षेत्र में भी लोगों को तेजी से काम मिल रहा है।

कंपनियों और फैक्ट्रियों ने भी दिखाई रुचि

केवल कर्मचारी ही नहीं, बल्कि नियोक्ता यानी कंपनियां और फैक्ट्रियां भी ESIC से जुड़ने के लिए आगे आ रही हैं। मार्च में 31,514 कंपनियों ने ESIC में अपना रजिस्ट्रेशन कराया, जो फरवरी के मुकाबले 33.9% अधिक है। फरवरी में यह आंकड़ा 23,526 था। कंपनियों की यह भागीदारी दर्शाती है कि वे अपने कर्मचारियों को स्वास्थ्य और सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करने को लेकर अब अधिक गंभीर हैं।

युवा और महिलाएं बनीं रोजगार की नई ताकत

मार्च में जो 16.3 लाख नए कर्मचारी ESIC में जुड़े, उनमें से लगभग 49% यानी 7.9 लाख लोग 25 वर्ष या उससे कम उम्र के थे। यह दर्शाता है कि देश के युवाओं के लिए रोजगार के दरवाज़े खुल रहे हैं। साथ ही, महिलाओं की भागीदारी भी काबिल-ए-तारीफ रही। इस महीने 3.6 लाख महिलाओं ने ESIC में रजिस्ट्रेशन कराया, जो महिलाओं की बढ़ती आर्थिक भागीदारी को दर्शाता है।

इसके अलावा, ESIC ने 100 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का भी रजिस्ट्रेशन किया, जिससे संस्था की समावेशी सोच सामने आती है। यह दर्शाता है कि सरकार सभी वर्गों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।


ESIC क्या है और यह कैसे काम करता है?

ESIC (Employees’ State Insurance Corporation) एक सरकारी संस्था है जो 1948 के ईएसआई अधिनियम के तहत कार्यरत है। इसका मुख्य उद्देश्य उन कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं देना है जिनकी मासिक आय 21,000 रुपये या उससे कम होती है।

इस योजना के तहत, दोनों पक्ष – कर्मचारी और नियोक्ता – आर्थिक योगदान करते हैं।

  • कर्मचारी अपनी सैलरी का 0.75%

  • नियोक्ता यानी कंपनी 3.25% योगदान देती है।
    कुल मिलाकर 4% का योगदान इस बीमा योजना को चलाने में मदद करता है।

ESIC के फायदे क्या हैं?

ESIC से जुड़े कर्मचारियों को कई तरह की सामाजिक सुरक्षा सेवाएं मिलती हैं, जैसे:

  1. निःशुल्क चिकित्सा सुविधा – कर्मचारी और उसके परिवार को सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में इलाज मिलता है।

  2. मातृत्व लाभ – गर्भवती महिलाओं को निर्धारित अवधि तक वेतन के साथ छुट्टी और देखभाल मिलती है।

  3. दुर्घटना बीमा – काम करते समय यदि कोई दुर्घटना होती है, तो कर्मचारी को इलाज और मुआवजा मिलता है।

  4. नौकरी जाने पर सहायता – अस्थायी रूप से बेरोजगार होने पर कर्मचारी को कुछ समय तक आर्थिक सहायता दी जाती है।

  5. पेंशन और पारिवारिक सहायता – कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को मासिक पेंशन दी जाती है।

इन सभी लाभों से न केवल कर्मचारी, बल्कि उसका पूरा परिवार सुरक्षित महसूस करता है।


रोजगार क्षेत्र में उम्मीद की किरण

मार्च के ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय श्रम बाजार धीरे-धीरे सुधार की दिशा में बढ़ रहा है। खासकर युवाओं और महिलाओं की भागीदारी यह संकेत देती है कि देश में कौशल विकास और स्वरोजगार को लेकर नीतियां सही दिशा में जा रही हैं।

इसके अलावा, डिजिटल रजिस्ट्रेशन और सुलभ प्रक्रियाओं के कारण अब छोटे उद्योगों और कंपनियों को भी ESIC जैसी योजनाओं से जुड़ना आसान हो गया है। इससे असंगठित क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा।


निष्कर्ष

ESIC के मार्च 2025 के आंकड़े भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के संकेतक हैं। बढ़ती भागीदारी, युवाओं और महिलाओं की सक्रियता, और समावेशी दृष्टिकोण यह दर्शाते हैं कि भारत अब केवल विकास की ओर नहीं, बल्कि संतुलित और सुरक्षित विकास की ओर बढ़ रहा है। ESIC जैसी योजनाएं इस दिशा में एक मजबूत आधार हैं, जो देश के कामगार वर्ग को मजबूती देती हैं।

सरकार और समाज अगर इसी तरह मिलकर आगे बढ़ें, तो वह दिन दूर नहीं जब हर भारतीय कामगार को सुरक्षा, सुविधा और सम्मान मिलेगा – जो किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की असली पहचान होती है।


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