शनि जयंती, शनिदेव के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह हर साल ज्येष्ठ अमावस्या को आती है और इस वर्ष यह पर्व 27 मई 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषीय दृष्टि से इस बार की शनि जयंती बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि 26 मई 2025 को सुबह 7:13 बजे शनि देव और बुध ग्रह के बीच एक विशेष 'लाभ दृष्टि योग' (Sextile Aspect) बन रहा है। इस योग को त्रिएकादश योग भी कहा जाता है, जो कि शुभता का संकेत है।
क्या है बुध-शनि का लाभ दृष्टि योग?
जब दो ग्रह कुंडली में एक-दूसरे से 60 डिग्री की दूरी पर स्थित होते हैं, तो उसे सेक्सटाइल एस्पेक्ट या लाभ दृष्टि योग कहते हैं। इस स्थिति में दोनों ग्रह एक-दूसरे को सहयोग देते हैं। बुध, वाणी, तर्क, व्यापार और संचार का कारक है, जबकि शनि, कर्म, न्याय, अनुशासन और धैर्य के प्रतीक माने जाते हैं। जब ये दोनों ग्रह इस विशेष स्थिति में आते हैं, तो संतुलित सोच, लॉन्ग टर्म प्लानिंग और प्रैक्टिकल निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
इन 3 राशियों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा सकारात्मक असर
1. वृषभ राशि (Taurus)
सलाह: संयम और ईमानदारी से किए गए कार्य का फल निश्चित मिलेगा।
2. कन्या राशि (Virgo)
सलाह: अपने विचारों को स्पष्टता से रखें और निर्णयों में जल्दबाजी न करें।
3. मकर राशि (Capricorn)
सलाह: सीनियर के साथ व्यवहार संयमित रखें और नई योजनाओं को शुरू करने से पहले अनुभवी व्यक्ति से सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
शनि जयंती 2025 का यह विशेष अवसर सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी अत्यंत फलदायक माना जा रहा है। बुध और शनि का लाभ दृष्टि योग जहां सभी राशियों के लिए मानसिक स्पष्टता, अनुशासन और कार्यस्थिरता लाएगा, वहीं वृषभ, कन्या और मकर राशि के जातकों के लिए यह समय लाइफ चेंजिंग साबित हो सकता है।