ताजा खबर
कानीज गांव में दर्दनाक हादसा: नदी में डूबे अहमदाबाद से आए छह भाई-बहन, अवैध रेत खनन पर उठे सवाल   ||    अहमदाबाद से मुंबई हवाई यात्रा अब सिर्फ ₹2267 में, ट्रेन से भी सस्ती Akasa Air की शानदार पेशकश   ||    1 मई: श्रमिकों के संघर्ष और मजदूर दिवस का इतिहास   ||    Fact Check: पहलगाम हमले के बाद सेना के Northern कमांडर को नहीं हटाया गया, पाकिस्तानियों का झूठा दावा...   ||    Neem Karoli Baba: नीम करोली धाम जाकर ऐसा क्या करें जिससे आपकी मनोकामना हर हाल में पूरी हो जाए   ||    ERP, DSM और HIMS के बाद अब बैंकिंग के लिए भरोसेमंद समाधान देगा CBS सॉफ्टवेयर   ||    Gold Rate: अक्षय तृतीया पर सस्ता हुआ सोना, जानें आज क्या है गोल्ड का रेट?   ||    अच्छी शुरुआत के बाद दबाव में आया बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी में मामूली बढ़त   ||    बाउंड्री लाइन पर खेला गया ‘अनोखा’ खेल, फील्डर की फुर्ती से हो गया चमत्कार! यह बवाली कैच मिस तो नहीं ...   ||    IPL 2025: पर्पल कैप की रेस में हैट्रिक लेकर कुलदीप से आगे निकले चहल, साई सुदर्शन के पास ऑरेंज कैप   ||   

सिंधु जल समझौता: पाकिस्तान के पास कौन से 4 विकल्प? भारत भी एक्शन में

Photo Source :

Posted On:Thursday, May 1, 2025

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने पाकिस्तान की नींव हिला दी है। भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने का ऐलान कर दिया है और स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी नहीं दी जाएगी। यह फैसला भारत ने तब लिया जब पाकिस्तान बार-बार सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देता रहा, और पहलगाम में हुए हमले ने भारत की सहनशक्ति की सीमा लांघ दी।

सिंधु जल संधि: 65 साल पुराना समझौता

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस संधि के तहत भारत ने तीन पूर्वी नदियाँ (रावी, सतलज और ब्यास) अपने लिए रखीं और तीन पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम और चेनाब) पाकिस्तान को दी गईं।
इस समझौते के पीछे सोच यह थी कि पानी को युद्ध का कारण नहीं बनने दिया जाएगा। लेकिन अब जबकि पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ आतंकवाद को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, भारत ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।

भारत का संदेश साफ: आतंक और बातचीत एक साथ नहीं

भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और स्थायी रूप से आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता, तब तक सिंधु जल संधि को लागू नहीं किया जाएगा। यह सिर्फ एक राजनीतिक संदेश नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव बनाने वाला निर्णय है। सिंधु जल संधि को निलंबित करके भारत ने पहली बार स्पष्ट किया है कि जल भी अब एक रणनीतिक हथियार है।


पाकिस्तान में मचा हाहाकार

भारत के इस निर्णय से पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक भूचाल आ गया है। वहाँ के नेताओं ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं।
पाकिस्तान ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि पानी को रोका या मोड़ा गया, तो वह इसे युद्ध की कार्यवाही मानेगा। साथ ही शिमला समझौते सहित अन्य द्विपक्षीय समझौतों से हटने की धमकी दी है।

अब सवाल है, पाकिस्तान के पास क्या विकल्प बचे हैं? आइए जानते हैं—


1. वर्ल्ड बैंक में अपील

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान इस मामले को वर्ल्ड बैंक में उठाएगा।

  • उन्होंने कहा कि चूंकि सिंधु जल संधि वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, इसलिए भारत इस संधि से एकतरफा पीछे नहीं हट सकता।

  • पाकिस्तान पहले ही जल संकट से जूझ रहा है। कृषि, सिंचाई और ऊर्जा उत्पादन के लिए उसे इन नदियों पर निर्भर रहना पड़ता है।

  • भारत के फैसले से पाकिस्तान की आर्थिक और खाद्य सुरक्षा पर गहरा असर पड़ सकता है।


2. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाना

पाकिस्तान इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भी ले जाने की तैयारी कर रहा है।

  • वह भारत पर वियना कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ ट्रीटीज के उल्लंघन का आरोप लगा सकता है।

  • पाकिस्तान यह दलील देगा कि सिंधु जल संधि द्विपक्षीय संधि है और इसमें भारत को एकतरफा निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।


3. संयुक्त राष्ट्र में अपील

तीसरा विकल्प है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने रखे।

  • पाकिस्तान के विधि और न्याय राज्य मंत्री अकील मलिक ने कहा कि भारत संधि को एकतरफा समाप्त नहीं कर सकता।

  • पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र से दबाव बनाने की कोशिश करेगा, ताकि भारत पर निर्णय बदलने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़े।


4. कूटनीतिक समर्थन जुटाना

पाकिस्तान चौथे विकल्प के रूप में कूटनीतिक समर्थन जुटा रहा है।

  • उसने चीन, अमेरिका और खाड़ी देशों से संपर्क साधा है।

  • ईरान ने मध्यस्थता की पेशकश की है, जबकि चीन की सरकारी मीडिया ने भी दोनों देशों को शांति और बातचीत से समाधान निकालने की सलाह दी है।

  • पाकिस्तान को उम्मीद है कि यदि वह अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति जुटा लेता है तो भारत पर दबाव बनाया जा सकेगा।


क्या भारत का फैसला कानूनी है?

भारत का तर्क है कि पाकिस्तान ने संधि की मूल भावना का उल्लंघन किया है।

  • आतंकवाद का समर्थन करते हुए पाकिस्तान ने भरोसे और शांति की नींव को तोड़ा है, जिस पर संधि टिकी थी।

  • भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए भारत के पास संधि को निलंबित करने का अधिकार है।


निष्कर्ष

भारत का सिंधु जल संधि को स्थगित करना सिर्फ एक जल विवाद नहीं है, यह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कूटनीतिक कदम है। पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यदि वह भारत के खिलाफ आतंकी हमले जारी रखेगा, तो उसे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

भारत ने अब दिखा दिया है कि जल भी शांति की तरह दोतरफा होता है—इसे हथियार भी बनाया जा सकता है। अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है। या तो वह आतंक को त्यागे, या फिर सूखा झेले।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.