ताजा खबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता, ट्रंप-मैक्रो को छोड़ा पीछे   ||    ‘कंबोडिया जाना हो सकता है खतरनाक’, भारत की अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी   ||    Battlefield Tourism क्या होता है? देशभक्ति और इतिहास के बारे में बढ़ेगी जागरूकता   ||    आज कहां है कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार? टाइगर हिल पर लहराया था तिरंगा, डिंपल को भी भूले लोग   ||    Russia Plane Crash: आग लगने के बाद प्लेन क्रैश होने का वीडियो आया सामने, 48 लोगों की हुई थी मौत   ||    Martial Law: क्या है मार्शल लॉ? थाईलैंड के 8 जिलों में हुआ लागू, आपातकाल से कितना अलग   ||    शिव मंदिर पर दागे गोले, थाई-कंबोडिया सीमा पर बने यूनेस्को विश्व धरोहर को कितना पहुंचा नुकसान?   ||    भारत-मालदीव में 8 MOU हुए साइन, समझौतों से दोनों देशों को क्या होगा फायदा?   ||    कंबोडिया-थाईलैंड विवाद पर UNSC की बैठक में क्या हुआ? ठुकराई गई अमेरिका-चीन की मध्यस्थता   ||    थाईलैंड के 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू, 6 नेशनल पार्कों पर जड़े ताले   ||   

Earthquake: किश्तवाड़ और गुजरात में भूकंप के झटके, अलास्का-तजाकिस्तान में भी सहमे लोग, 6.2 रही तीव्रता

Photo Source :

Posted On:Monday, July 21, 2025

पिछले कुछ दिनों में भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जो लोगों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। भारत में विशेषकर गुजरात के कच्छ क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हल्की से मध्यम तीव्रता के भूकंप आए हैं। वहीं, विश्व के अन्य हिस्सों में अलास्का और तजाकिस्तान जैसे भूकंप प्रवण क्षेत्रों में भी तेज़ कम्पन दर्ज किए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इन भूकंप की घटनाओं के बारे में।

गुजरात-कच्छ में 4.0 तीव्रता का भूकंप

21 जुलाई की रात को गुजरात के कच्छ जिले में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। यह झटका लगभग रात 9 बजे के बाद महसूस किया गया। इस झटके की तीव्रता को मध्यम श्रेणी का माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद इससे किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। हालांकि, कच्छ में लगातार भूकंप की घटनाओं ने स्थानीय लोगों को भयभीत कर दिया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और भूकंप की संभावित बादी के लिए तैयार रहने को कहा है।

कच्छ एक भूकंप संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहाँ पहले भी कई बार भूकंप आ चुके हैं, जिनमें से कुछ बड़े थे और जन-धन को नुकसान पहुंचाया था। इस क्षेत्र में अब तक 2001 का भूकंप सबसे विनाशकारी रहा, जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। इसलिए भूकंप की किसी भी हल्की कम्पन को लेकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट रहता है।


जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हल्की कम्पन

गुजरात से पहले जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भी 2.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। यह भूकंप अपेक्षाकृत हल्का था, लेकिन हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के संभावित खतरों के कारण इसे भी गंभीरता से लिया जाता है। किश्तवाड़ इलाका भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आता है, इसलिए यहां आने वाले भूकंप क्षेत्रीय भूकंपीय गतिविधि के संकेत होते हैं।


अलास्का में 6.2 तीव्रता का भूकंप

भारतीय सीमाओं के बाहर भी 21 जुलाई को भूकंप की गतिविधियां तेज़ हुईं। अलास्का में सुबह 3 बजकर 58 मिनट पर 6.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप 48 किलोमीटर की गहराई पर आया था। अलास्का को विश्व के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में गिना जाता है क्योंकि यह प्रशांत प्लेट के किनारे स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल आम बात है।

इससे चार दिन पहले भी अलास्का में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जो काफी तेज था और उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हड़कंप मचाया था। अलास्का के ये भूकंप स्थानीय जनजीवन को प्रभावित करते हैं, साथ ही वैश्विक वैज्ञानिकों के लिए भी यह अध्ययन का विषय होते हैं।


तजाकिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप

तजाकिस्तान में भी 21 जुलाई की तड़के 4 बजकर 43 मिनट पर 4.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। यह क्षेत्र भी भूगर्भीय दृष्टि से सक्रिय है। पिछले दिनों इसी क्षेत्र में 4.0 तीव्रता वाला भूकंप भी दर्ज हुआ था, जो वहां की भूवैज्ञानिक हलचल को दर्शाता है।

तजाकिस्तान का भूकंपीय क्षेत्र तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से जुड़ा हुआ है, जहां लगातार भू-टेक्टोनिक गतिविधियां चलती रहती हैं। इस क्षेत्र में आए हल्के और मध्यम तीव्रता के भूकंप स्थानीय लोगों को तो चिंतित करते ही हैं, साथ ही भूगर्भीय संरचना की समझ के लिए भी अहम हैं।


क्या कहती हैं विशेषज्ञ रिपोर्टें?

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी सहित कई वैज्ञानिक संस्थान इन भूकंप घटनाओं की निगरानी कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन भूकंपों का आपस में कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन यह दिखाता है कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गतिशील हैं।

गुजरात-कच्छ क्षेत्र एक प्रमुख भूकंप संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह इंडो-ऑसियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव क्षेत्र के करीब है। इसी कारण यहां भूकंप की गतिविधियां होती रहती हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि भूकंप संभावित क्षेत्रों में नियमित सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए और आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।


जनता के लिए सुझाव

  • सतर्कता बनाए रखें: जब भी हल्की कम्पन महसूस हो, घबराएं नहीं लेकिन सतर्क रहें। सुरक्षित स्थानों की पहचान करें।

  • आपातकालीन किट तैयार रखें: पानी, दवा, जरूरी दस्तावेज, टॉर्च और खाने-पीने का सामान हमेशा तैयार रखें।

  • निर्देशों का पालन करें: स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की सलाह पर तुरंत अमल करें।

  • मजबूत भवनों में रहें: पुरानी और कमजोर इमारतों से दूर रहें, जहां खतरा ज्यादा होता है।

  • प्रशिक्षण लें: भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी प्राप्त करें और नियमित रूप से ड्रिल में भाग लें।


निष्कर्ष

हाल के दिनों में भारत के गुजरात और जम्मू-कश्मीर में आये भूकंप के झटके और विश्व के सक्रिय क्षेत्रों जैसे अलास्का और तजाकिस्तान में आए भूकंप यह स्पष्ट करते हैं कि पृथ्वी की सतह पर टेक्टोनिक गतिविधियां लगातार जारी हैं। इस संदर्भ में भूकंप संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा, जागरूकता और तत्परता बेहद जरूरी है। सरकार, वैज्ञानिक और आम जनता को मिलकर भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.