अहमदाबाद न्यूज डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार से गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे, जहां वे पार्टी के संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में पहला कदम उठाएंगे। अहमदाबाद में वे पर्यवेक्षकों के साथ बैठक करेंगे और फिर बुधवार को अरवल्ली जिले के मोडासा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्षों के चयन के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे। यह परियोजना कांग्रेस की नई रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत जिलों में नेतृत्व को सशक्त किया जाएगा।
कांग्रेस के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने बताया कि 12 अप्रैल को प्रदेश के 33 जिलों और 8 प्रमुख शहरों में पार्टी अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए 42 केंद्रीय और 183 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई थी। हर जिले के लिए पांच सदस्यों की चयन समिति बनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद नए जिलाध्यक्ष चुने जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी की जाएगी और इसके बाद इसे दूसरे राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।
राहुल गांधी इससे पहले मार्च में भी गुजरात दौरे पर आए थे। उस वक्त उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा था कि पार्टी के भीतर दो तरह के नेता हैं—कुछ जो जनता के साथ जुड़े हैं और कुछ जो दूरी बनाकर बैठे हैं, जिनमें से कई भाजपा से मिले हुए हैं। राहुल ने स्पष्ट किया था कि पार्टी में सिर्फ निष्ठावान और सक्रिय कार्यकर्ताओं को जगह मिलेगी और 'बब्बर शेर' नेताओं को अब चेन से आजाद किया जाएगा। उनका यह संदेश साफ था—गुजरात में कांग्रेस को दोबारा मज़बूत करने के लिए पहले घर की सफाई जरूरी है।