अहमदाबाद न्यूज डेस्क: गुजरात सरकार ने गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में शराब पीने के परमिट नियमों को और आसान बना दिया है। पहले जहां अस्थायी और ग्रुप परमिट के लिए किसी अधिकारी की सिफारिश जरूरी होती थी, अब इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से गिफ्ट सिटी में काम करने वाले कर्मचारियों और वहां आने वाले विजिटर्स को परमिट लेना पहले से कहीं ज्यादा सरल हो जाएगा। बता दें, गुजरात जैसे ड्राई स्टेट में 2023 में गिफ्ट सिटी को शराब पीने की विशेष अनुमति दी गई थी, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सके और सोशल इंटरैक्शन को आसान बनाया जा सके।
गुजरात मद्य निषेध अधिनियम 1949 के तहत अब गिफ्ट सिटी का कोई भी कर्मचारी सीधे अधिकृत अधिकारी को फॉर्म A-1 जमा कर परमिट के लिए आवेदन कर सकता है। पहले इसमें अधिकारी की सिफारिश की आवश्यकता होती थी। नया नियम लागू होने के बाद वेरिफिकेशन के बाद शराब पीने की इजाजत का कार्ड जारी किया जाएगा जिसे संबंधित विभाग और निषेध व उत्पाद शुल्क अधीक्षक के साथ साझा किया जाएगा। दिसंबर 2023 के नियमों को 15 अप्रैल 2025 की अधिसूचना में और सरल किया गया है।
गिफ्ट सिटी में काम करने वाले लोग अब फॉर्म A-2 के माध्यम से अधिकतम पांच आगंतुकों को परमिट के लिए रिकमेंड कर सकते हैं, बशर्ते शराब केवल गिफ्ट सिटी के अधिकृत वाइन एंड डाइन एरिया में ही पी जा सकेगी। इसके लिए कर्मचारियों को अपने मेहमानों के साथ वहां उपस्थित रहना होगा। प्राधिकृत अधिकारी से तात्पर्य गिफ्ट सिटी के एमडी द्वारा नियुक्त अधिकारी से है। इस फैसले से शराब बिक्री में इजाफे की उम्मीद है। फिलहाल गिफ्ट सिटी में परमिट का सालाना शुल्क ₹1000 है। यहां शराबबंदी में ढील के बाद क्लब मेंबरशिप की भारी मांग देखी गई थी। गिफ्ट सिटी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, और हाल के वर्षों में वहां तेजी से गतिविधियां बढ़ी हैं।