अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद में बांग्लादेशियों को अवैध रूप से पनाह देने वाले लल्ला पठान उर्फ लल्ला बिहारी को गुजरात क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी बांसवाड़ा के सल्लोपाट थाना क्षेत्र के मोटी झेर गांव से की गई, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। आरोपी पर फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध कब्जे और शरण देने का संगीन आरोप है।
गुजरात पुलिस के मुताबिक, लल्ला पठान उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला है और अहमदाबाद के चंडोला तालाब इलाके में करीब 3 लाख स्क्वेयर मीटर जमीन पर अवैध रूप से मिट्टी भरवाकर 7 हजार झोपड़ियां और मकान बनवा चुका था। ये मकान वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को किराए पर देता था। अब तक इनमें से 4 हजार अवैध निर्माण तोड़े जा चुके हैं। उसके पास नकली आधार कार्ड और फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनवाने की पूरी व्यवस्था थी, जिसके बदले वह एक व्यक्ति से 20 हजार रुपये वसूलता था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि लल्ला अपने किराएदारों से रोजाना पानी के लिए 20 रुपये और पार्किंग के लिए 125 रुपये तक वसूलता था। उसके घरों से पुलिस को 9 लाख रुपये नकद, 250 ग्राम सोना, नकली दस्तावेज, पैसे गिनने की मशीन और फर्जी लेटरहेड भी बरामद हुए हैं। लल्ला के नाम चार मकान और चार गाड़ियां हैं। उसके खिलाफ पहले से दो आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसके परिवार में चार पत्नियां और नौ बच्चे हैं। पुलिस अब तक 200 बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर भेजने की कार्रवाई कर चुकी है।
पूछताछ में लल्ला ने कबूल किया कि अहमदाबाद के अन्य इलाकों—जैसे शाहआलम, नूर अहमद सोसायटी, दाणीलिमडा और चौकीदार बाबा की दरगाह के आसपास भी उसके मकान हैं। उसने अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए सात अलग-अलग बैंक खाते खुलवाए थे। हैरानी की बात ये है कि उसकी दो बेटियां मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। फिलहाल, क्राइम ब्रांच इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने में जुटी है और उसकी संपत्तियों की भी जांच हो रही है।