ताजा खबर
अहमदाबाद में अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन सौदा, लुलु ग्रुप ने 519 करोड़ में खरीदा प्लॉट   ||    मांचा मस्जिद तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, कहा— नगर निगम जनहित में कर रहा काम   ||    पाकिस्तान के हमले में अफगानिस्तान के 6 लोगों की मौत, मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल   ||    'हम जवाब देना जानते हैं', तीन क्रिकेटरों की मौत के बाद PAK को अफगानिस्तान की चेतावनी   ||    दिल्ली में सांसदों के फ्लैट्स में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियाें ने पाया काबू   ||    महाराष्ट्र के नंदुरबार में श्रद्धालुओं से भरी पिकअप गहरी खाई में गिरी, 8 लोगों की मौत और कई घायल   ||    'चुटकी में रुकवा सकता हूं अफगानिस्तान-पाकिस्तान की जंग', डोनल्ड ट्रंप का दावा   ||    IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट कितने लोगों को भेजा, वसीयत में क्या लिखा था? लैपटॉप की जांच में जुटी SI...   ||    फैक्ट चेक: राजस्थान के अंता उपचुनाव में नरेश मीणा की मदद के लिए व्यवसायी ने भेजीं 1000 कारें? नहीं, ...   ||    मोजाम्बिक में बड़ा हादसा, समुद्र में नाव पलटने से तीन भारतीयों की मौत और 5 लापता   ||   

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: शादी के बाद पति-पत्नी का अलग रहना संभव नहीं, विवाद सुलझाने की दी सलाह, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Thursday, August 21, 2025

मुंबई, 21 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि एक शादीशुदा जोड़े में पति या पत्नी के लिए अलग रहना नामुमकिन है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति अलग रहना चाहता है तो उसे शादी ही नहीं करनी चाहिए। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि शादी का अर्थ है दो आत्माओं और दो लोगों का मिलन, ऐसे में पति-पत्नी का अलग रहना उचित नहीं हो सकता। दरअसल, मामला एक ऐसे दंपती से जुड़ा था, जिनके दो छोटे बच्चे हैं और दोनों अलग रह रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुई महिला ने कहा कि उसका पति सिंगापुर में रहता है और फिलहाल भारत में मौजूद है, लेकिन वह मामला सुलझाने को तैयार नहीं है और सिर्फ बच्चों की कस्टडी चाहता है। इस पर अदालत ने महिला से पूछा कि वह सिंगापुर क्यों नहीं जा सकतीं, तो महिला ने पति के व्यवहार को कारण बताया। उसने कहा कि पति से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती और सिंगल मदर होने की वजह से उसे नौकरी की जरूरत है।

इस पर कोर्ट ने पति को पांच लाख रुपए जमा करने का निर्देश दिया। हालांकि महिला ने कहा कि वह किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती। जस्टिस नागरत्ना ने इस पर कहा कि शादी के बाद पत्नी यह नहीं कह सकती कि वह पति पर निर्भर नहीं रहना चाहती। भले ही आर्थिक रूप से न सही, लेकिन भावनात्मक रूप से तो पति-पत्नी एक-दूसरे पर निर्भर होते ही हैं। उन्होंने कहा कि शायद यह सोच पुरानी लग सकती है, लेकिन शादी के बाद स्वतंत्रता की ऐसी बात उचित नहीं है। पत्नी ने कोर्ट से समय मांगा और कहा कि वह सोचकर जवाब देगी। अदालत ने दोनों पक्षों से कहा कि आप पढ़े-लिखे लोग हैं, इसलिए विवादों को आपसी सहमति से सुलझाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट पहले भी तलाक और वैवाहिक विवादों में कई अहम टिप्पणियां कर चुका है। दिसंबर 2024 में कोर्ट ने कहा था कि शादी का रिश्ता आपसी भरोसे, साथ और साझा अनुभवों पर आधारित होता है। अगर लंबे समय तक यह नहीं होता तो विवाह केवल कागजों पर रह जाता है। उस मामले में 20 साल से अलग रह रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपती को तलाक देते हुए पत्नी को 50 लाख रुपए एलीमनी और बेटी की पढ़ाई व भविष्य के खर्चों के लिए अतिरिक्त 50 लाख रुपए देने का आदेश दिया गया था।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.