ताजा खबर
श्रद्धा कपूर और शक्ति कपूर की एयरपोर्ट पर स्पॉट हुए!   ||    सितारा एंटरटेनमेंट्स लेकर आ रही है 'वॉर 2' तेलुगु राज्यों में – जूनियर एनटीआर और ऋतिक रोशन की धमाकेद...   ||    ‘कॉकटेल 2’ की तैयारी शुरू: स्क्रिप्ट की झलक ने बढ़ाई दर्शकों की धड़कनें   ||    आँखों की गुस्ताखियाँ से अलविदा सांग रिलीज़ हुआ   ||    तन्वी द ग्रेट से सेना की जय सांग हुआ रिलीज़!   ||    वडाज में बुजुर्ग महिला की हत्या का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार   ||    गुजरात में मेडिकल एडमिशन की शुरुआत, पहले ही दिन 2,384 स्टूडेंट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन   ||    जीते जी सोनम रघुवंशी का हुआ पिंडदान, पति की हत्या करने से आक्रोशित महिलाओं ने किया क्रिया-क्रम   ||    दिल्ली-एनसीआर में आंधी-तूफान के साथ 8 दिन तक होगी लगातार बारिश, येलो अलर्ट जारी   ||    सावधान! ज्वालामुखी फट सकता है भारत में, 3 देशों में भूकंप-सुनामी की चेतावनी, जानें समुद में कहां है ...   ||   

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Tuesday, May 14, 2024

मुंबई, 14 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भेजे अवमानना नोटिस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। साथ ही दोनों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद को एफिडेविट फाइल करने के लिए 3 हफ्ते का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में यह बताएं कि जिन प्रोडक्ट्स का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है, उनका विज्ञापन वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। बेंच ने कहा- बाबा रामदेव का बहुत प्रभाव है, इसका सही तरीके से इस्तेमाल करें। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, रामदेव ने योग के लिए बहुत कुछ किया है। इस पर जस्टिस हिमा कोहली बोलीं, उन्होंने योग के लिए जो किया है वह अच्छा है, लेकिन पतंजलि प्रोडक्ट्स एक अलग मामला है।

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरवी अशोकन से कहा, अभिव्यक्ति की आजादी ठीक है, लेकिन कभी-कभी इंसान को संयमित भी होना पड़ता है। आप सोफे पर बैठकर अदालत के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते। अगर दूसरा पक्ष इस तरह की टिप्पणी करता तो आप क्या करते? आप दौड़कर कोर्ट पहुंच जाते। अशोकन ने बिना शर्त माफी मांगी।

दरअसल, 23 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि IMA को अपने डॉक्टरों पर भी विचार करना चाहिए, जो अक्सर मरीजों को महंगी और गैर-जरूरी दवाइयां लिख देते हैं। अगर आप एक उंगली किसी की ओर उठाते हैं, तो चार उंगलियां आपकी ओर भी उठती हैं। कोर्ट की टिप्पणी को IMA प्रेसिडेंट डॉ. आरवी अशोकन ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। डॉ. अशोकन ने कहा था, सुप्रीम कोर्ट के अस्पष्ट बयानों ने प्राइवेट डॉक्टरों का मनोबल कम किया है। पतंजलि ने कोर्ट को इस बयान के बारे में बताया था। बेंच ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और IMA चीफ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने 7 मई को IMA की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की थी। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। बेंच ने कहा था कि अगर लोगों को प्रभावित करने वाले किसी प्रोडक्ट या सर्विस का विज्ञापन भ्रामक पाया जाता है तो सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स भी समान रूप से जिम्मेदार हैं।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.