ताजा खबर
दिल्ली में क्यों नहीं हो पाई आर्टिफिशियल बारिश? IIT कानपुर के निदेशक ने दिया जवाब   ||    जापान में राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर अलापा युद्ध रोकने का अलाप, 7 नए विमानों के गिरने का किया दावा   ||    यूपी में गन्ना किसानों के लिए बड़ा ऐलान, सीएम योगी का बढ़ाए गन्ना के दाम, लाखों किसानों को मिलेगा फा...   ||    'मरते ही मिलेगी जन्नत...', मसूद अजहर क्यों बना रहा जैश की महिला जिहाद ब्रिगेड? रिकॉर्डिंग में खुलासा   ||    कर्ज माफी को लेकर नागपुर की सड़कों पर उतरे किसान, लंबा जाम लगा; ट्रेनें रोकने की धमकी   ||    आंध्र प्रदेश में 100 किमी की रफ्तार से टकराया 'मोंथा', एक की मौत; कई ट्रेनें रद   ||    पाक को रास नहीं आ रहा भारत-अफगानिस्तान का दोस्ताना, ख्वाजा आसिफ बोले- दिल्ली के हाथ में काबुल की डोर...   ||    'मोदी सबसे अच्छे दिखने वाले इंसान', प्रधानमंत्री के मुरीद हुए ट्रंप; ट्रेड डील पर क्या कहा?   ||    फैक्ट चेक: बिहार में बीजेपी प्रत्याशी को जनता ने पहनाई जूते की माला? ये है असल कहानी   ||    अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में लगा 10% का अपर सर्किट, सीधे 100 रुपये बढ़ा भाव, इस खुशखबरी के बाद आ...   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया 5 लाख रुपए का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Saturday, October 14, 2023

मुंबई, 14 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर फाइन लगाते हुए उसकी जनहित याचिका (PIL) को पब्लिसिटी पाने का ओछा तरीका बताया। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कहा था कि बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ दोषपूर्ण है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को गवर्नर शपथ दिलाते हैं और इसके बाद ही उनकी नियुक्ति होती है। ऐसे में इस तरीके पर आपत्ति नहीं उठाई जा सकती। आपको बता दें, ये याचिका अशोक पांडे ने दाखिल की थी। उनका कहना था कि बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को दोषपूर्ण शपथ दिलाई गई। उन्होंने संविधान की तीसरी अनुसूची का उल्लंघन करते हुए शपथ के दौरान अपना नाम लेने से पहले ‘मैं’ शब्द नहीं कहा। याचिकाकर्ता ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि दमन और दीव और दादरा व नागर हवेली केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को इस शपथ समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

बेंच में शामिल जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि हमारी राय है कि ऐसी याचिकाओं से कोर्ट का समय खराब होता है और गंभीर मुद्दों से कोर्ट का ध्यान भटकता है। ऐसी याचिकाएं न्यायपालिका के मैन पॉवर और रजिस्ट्री का दुरुपयोग करती हैं। जजों ने कहा कि अब ऐसा समय आ गया है जब कोर्ट को ऐसी व्यर्थ याचिकाएं दाखिल करने पर जुर्माना लगाना शुरू करना चाहिए। बेंच ने कहा कि हम याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए इस याचिका को रद्द करते हैं। ये जुर्माना याचिकाकर्ता को 4 हफ्ते के अंदर भरना होगा। कोर्ट ने ये भी कहा कि तय अवधि में रकम जमा नहीं की जाती तो उसे लखनऊ डीएम ऑफिस में भू-राजस्व बकाया के रूप में जमा कराया जाएगा।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.