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सुप्रीम कोर्ट में इजराइल को हथियार सप्लाई बंद करने के लिए दाखिल की गई याचिका, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Wednesday, September 4, 2024

मुंबई, 4 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट में इजराइल को हथियार सप्लाई बंद करने के लिए याचिका दाखिल की गई। इसमें कहा गया कि कई इंटरनेशनल नियम और संधियां हैं, जो वॉर क्राइम करने वाले देशों को हथियार सप्लाई करने से रोकती हैं। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और 10 अन्य लोगों ने यह याचिका दायर की। इसमें रक्षा मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है। इसमें वॉर क्राइम का भी हवाला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में अभी इस याचिका की सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा, प्रशांत भूषण ने मांग की कि केंद्र इजराइल को मिलिट्री इक्विपमेंट और आर्म्स सप्लाई करने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द करे और नई कंपनियों को लाइसेंस ना दे। नए लाइसेंस भी ना दिए जाएं। भूषण ने कहा कि वॉर क्राइम करने वाले देशों को हथियार सप्लाई किए जाने से इंटरनेशनल नियमों का उल्लंघन होगा। इसकी जांच किसी एक्सपर्ट से भी कराई जा सकती है।

तो वहीं, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने 26 जनवरी को गाजा में हमले को लेकर इजराइल के खिलाफ कुछ नियम जारी करते हुए अस्थायी उपाय करने को कहा था। इन अस्थायी उपायों में फिलीस्तीनी लोगों पर इजराइल की तरफ से किए जा रहीं सभी हत्याओं और बर्बादी को रोकना भी शामिल था। इस फैसले के आधार पर संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट्स ने एक स्टेटमेंट जारी करके इजराइल को हथियार और सैन्य उपकरण मुहैया कराने के खिलाफ वॉर्निंग दी थी। संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अगर इजराइल को हथियार मुहैया कराए जाएंगे तो इसे मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन माना जाएगा और इसे जनसंहार समेत अंतरराष्ट्रीय अपराधों में गिना जाएगा।

आपको बता दें, जून 2024 में कतर के मीडिया अलजजीरा ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत ने हमास के खिलाफ जंग के बीच इजराइल को हथियार निर्यात किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इजराइल को 20 टन रॉकेट इंजन, 12.5 टन विस्फोटक चार्ज वाले रॉकेट, 1500 किलो विस्फोटक सामान और 740 किलो गोला-बारूद सप्लाई किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि 15 मई को बोरकम नाम का एक कार्गो जहाज स्पेन के तट पर पहुंचा था। यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी झंडा लहराते हुए अधिकारियों से जहाज की जांच की मांग की। EU संसद के वामपंथी सदस्यों ने स्पेन के राष्ट्रपति पेद्रो सांचेज से अपील की थी कि वे जहाज को स्पेन के तट पर रुकने की इजाजत न दे। हालांकि, इससे पहले कि स्पेन कोई फैसला करता, बोरकम जहाज वहां से स्लोवेनिया के कोपर तट पर चला गया।


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