ताजा खबर
बिहार की लीची के लिए रेलवे की बड़ी पहल, 2100 टन लीची अब देशभर समेत अहमदाबाद पहुंचेगी ताजा   ||    अहमदाबाद में छठ घाट के पास मिली हत्या की लाश, आरोपी हितेश संघवी गिरफ्तार   ||    अहमदाबाद में सड़क धंसने से ऑटो रिक्शा गिरा, चालक को गंभीर चोटें   ||    राजस्थान के पाली में तूफान ने मचाई तबाही, मालगाड़ी के कंटेनर उड़े   ||    Fact Check: इटली की पीएम Giorgia Meloni का पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल, जानें क्या है सच   ||    Guru Gochar: गुरु की अतिचारी गति से इन 3 राशियों की बढ़ेंगी स्वास्थ्य समस्याएं, अभी से बरतें ये सावध...   ||    6 मई का इतिहास: ऐतिहासिक घटनाओं का अद्वितीय योगदान   ||    पेट्रोल-डीजल के रेट में गिरावट के आसार क्यों? कच्चे तेल के दामों से जगी उम्मीद   ||    Gold Price Today: दिल्ली-मुंबई में लुढ़का सोना-चांदी! जानें देश के बड़े शहरों में क्या है ताजा रेट?   ||    Public Holiday: 12 मई को बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और बैंक! जानें आपके शहर में सार्वजनिक छुट्टी...   ||   

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उसकी बुआ को सौपी, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Friday, October 13, 2023

मुंबई, 13 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बच्चे की कस्टडी उसकी बुआ को सौंप दी। कोर्ट को जांच में पता चला कि लड़के की मां मनोरोगी है और पिता बहुत ज्यादा गुस्सैल है। जस्टिस आरआई छागला ने कहा कि मैंने लड़के के साथ बातचीत की और पाया कि वह याचिकाकर्ता से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, क्योंकि वह जन्म से ही उसकी देखभाल कर रही थी। जस्टिस छागला ने कहा कि अदालत को ऐसे मसलों को सुनते समय बच्चे की मानसिक-शारीरिक भलाई पर भी ध्यान देना चाहिए। लड़के की बुआ ने कोर्ट में 5 अक्टूबर को याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने कस्टडी सौंपने का आदेश जारी किया।

दरअसल, सुनवाई के दौरान पता चला कि जिस बच्चे की कस्टडी मांगी जा रही है, उसकी मां गंभीर मानसिक रोगी है। इसके बाद अदालत ने कहा लड़के का पिता भी बहुत आक्रामक है। कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद कहा, नाबालिग बच्चे की लाइफ को देखते हुए याचिकाकर्ता को उसका वैलिड गार्जियन घोषित किया जाना जरूरी है। हालांकि, अदालत ने माता-पिता को नाबालिग बच्चे से मिलने की अनुमति दे दी है। वहीं, याचिकाकर्ता महिला ने दावा किया था कि जब बच्चे का जन्म हुआ था तो उसके भाई और भाभी ने बच्चे की कस्टडी उसे सौंपने पर सहमत हो गए थे। इसलिए जहां बच्चे का जन्म हुआ था, उस अस्पताल ने बुआ के नाम पर डिस्चार्ज कार्ड जारी किया था। उन्होंने आगे कहा कि जब भी बच्चा अपने माता-पिता के घर जाता था तो वह बीमार पड़ जाता था और उसका इलाज कराना पड़ता था। आपको बता दें, याचिकाकर्ता महिला विधवा है और उसकी अपनी कोई औलाद नहीं है। उसने यह भी दावा किया था कि वह बच्चे की देखभाल करने के लिए आर्थिक रूप से भी सक्षम है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.