ताजा खबर
अहमदाबाद में अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन सौदा, लुलु ग्रुप ने 519 करोड़ में खरीदा प्लॉट   ||    मांचा मस्जिद तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, कहा— नगर निगम जनहित में कर रहा काम   ||    पाकिस्तान के हमले में अफगानिस्तान के 6 लोगों की मौत, मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल   ||    'हम जवाब देना जानते हैं', तीन क्रिकेटरों की मौत के बाद PAK को अफगानिस्तान की चेतावनी   ||    दिल्ली में सांसदों के फ्लैट्स में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियाें ने पाया काबू   ||    महाराष्ट्र के नंदुरबार में श्रद्धालुओं से भरी पिकअप गहरी खाई में गिरी, 8 लोगों की मौत और कई घायल   ||    'चुटकी में रुकवा सकता हूं अफगानिस्तान-पाकिस्तान की जंग', डोनल्ड ट्रंप का दावा   ||    IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट कितने लोगों को भेजा, वसीयत में क्या लिखा था? लैपटॉप की जांच में जुटी SI...   ||    फैक्ट चेक: राजस्थान के अंता उपचुनाव में नरेश मीणा की मदद के लिए व्यवसायी ने भेजीं 1000 कारें? नहीं, ...   ||    मोजाम्बिक में बड़ा हादसा, समुद्र में नाव पलटने से तीन भारतीयों की मौत और 5 लापता   ||   

एक्सिओम-4 मिशन से डाइबिटीज मरीजों के लिए अंतरिक्ष में संभावनाओं का रास्ता खुला, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Saturday, June 21, 2025

मुंबई, 21 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। एक्सिओम-4 मिशन डाइबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए अंतरिक्ष यात्रा को हकीकत में बदलने की दिशा में एक उम्मीद लेकर आया है। यूएई की हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर बुर्जील होल्डिंग्स इस मिशन के दौरान माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज और इंसुलिन के व्यवहार पर रिसर्च कर रही है। इस अध्ययन का उद्देश्य यह जानना है कि अंतरिक्ष में ब्लड शुगर के स्तर में क्या कोई बदलाव होता है। एक्सपेरिमेंट के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत चारों एस्ट्रोनॉट्स 14 दिनों तक ऑर्बिटल लैब में निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर पहनेंगे। यह प्रयोग खास तौर पर ऐसे लोगों की मदद के लिए किया जा रहा है जो गंभीर रूप से बीमार हैं, बिस्तर पर पड़े रहते हैं या लकवे के कारण बहुत कम मूवमेंट कर पाते हैं। साथ ही अंतरिक्ष यात्री इंसुलिन पेन भी साथ लेकर जाएंगे, जो अलग-अलग तापमान पर रखे गए होंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि माइक्रोग्रैविटी इंसुलिन के अणुओं को किस तरह प्रभावित करती है। अभी तक कोई भी डाइबिटीज मरीज अंतरिक्ष यात्रा पर नहीं गया है। NASA इंसुलिन लेने वाले डाइबिटिक पेशेंट्स को स्पेस मिशन की अनुमति नहीं देता, और भले ही बिना इंसुलिन वाले डाइबिटीज रोगियों पर कोई आधिकारिक रोक नहीं है, लेकिन ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए हैं।

Ax-4 मिशन के दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जाने हैं, जिनमें से 7 भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए हैं। इन प्रयोगों में स्प्राउट्स का माइक्रोग्रैविटी में अंकुरण, फसल बीजों पर प्रभाव और एल्गी पर रेडिएशन का असर जैसे रिसर्च शामिल हैं। यह रिसर्च कई स्तरों पर क्रांतिकारी साबित हो सकती है। डाइबिटीज से ग्रस्त अंतरिक्ष यात्रियों को भविष्य में मिशन पर भेजने की संभावना बनेगी, AI आधारित ऐसे मॉडल विकसित हो सकेंगे जो रियल टाइम में इंसुलिन जरूरतों को ट्रैक करें, और यह टेली-हेल्थ सेवाओं को सुदृढ़ करने में भी सहायक होगी। इसके अलावा इससे ऐसी दवाओं का विकास भी हो सकता है जो बैठे-बैठे व्यायाम जितना प्रभाव डाल सकें। इस मिशन की लॉन्चिंग अब तक छह बार टाली जा चुकी है। यह लॉन्च 29 मई से 22 जून के बीच अलग-अलग तिथियों पर शेड्यूल की गई थी लेकिन ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल में हुई मरम्मत और सुरक्षा कारणों से इसे फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। शुभांशु शुक्ला इस मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले और अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बनने जा रहे हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरिक्ष गए थे।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.