ताजा खबर
अहमदाबाद में अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन सौदा, लुलु ग्रुप ने 519 करोड़ में खरीदा प्लॉट   ||    मांचा मस्जिद तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, कहा— नगर निगम जनहित में कर रहा काम   ||    पाकिस्तान के हमले में अफगानिस्तान के 6 लोगों की मौत, मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल   ||    'हम जवाब देना जानते हैं', तीन क्रिकेटरों की मौत के बाद PAK को अफगानिस्तान की चेतावनी   ||    दिल्ली में सांसदों के फ्लैट्स में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियाें ने पाया काबू   ||    महाराष्ट्र के नंदुरबार में श्रद्धालुओं से भरी पिकअप गहरी खाई में गिरी, 8 लोगों की मौत और कई घायल   ||    'चुटकी में रुकवा सकता हूं अफगानिस्तान-पाकिस्तान की जंग', डोनल्ड ट्रंप का दावा   ||    IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट कितने लोगों को भेजा, वसीयत में क्या लिखा था? लैपटॉप की जांच में जुटी SI...   ||    फैक्ट चेक: राजस्थान के अंता उपचुनाव में नरेश मीणा की मदद के लिए व्यवसायी ने भेजीं 1000 कारें? नहीं, ...   ||    मोजाम्बिक में बड़ा हादसा, समुद्र में नाव पलटने से तीन भारतीयों की मौत और 5 लापता   ||   

CJI गवई बोले- डिजिटल युग में लड़कियां झेल रही हैं नए खतरे, टेक्नोलॉजी बन रही शोषण का जरिया, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Saturday, October 11, 2025

मुंबई, 11 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कहा कि डिजिटल युग में लड़कियां नई तरह की परेशानियों और खतरों का सामना कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज टेक्नॉलॉजी सशक्तिकरण का माध्यम कम और शोषण का जरिया ज्यादा बनती जा रही है। लड़कियों के लिए ऑनलाइन हैरेसमेंट, साइबर बुलिंग, डिजिटल स्टॉकिंग, निजी डेटा के दुरुपयोग और डीपफेक तस्वीरों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। CJI गवई ने कहा कि इन डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है, ताकि वे इन मामलों को संवेदनशीलता और समझदारी के साथ संभाल सकें। उन्होंने कहा कि संवैधानिक गारंटी होने के बावजूद देश की कई लड़कियां अब भी अपने बुनियादी अधिकारों और सम्मान से वंचित हैं। यही स्थिति उन्हें यौन शोषण, मानव तस्करी, बाल विवाह और भेदभाव जैसी परिस्थितियों में धकेल देती है। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर की कविता ‘Where the Mind is Without Fear’ का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक देश की कोई भी लड़की डर में जी रही है, तब तक भारत उस ‘स्वतंत्रता के स्वर्ग’ तक नहीं पहुंच सकता।

CJI गवई ने कहा कि आज के समय में खतरे केवल भौतिक दायरे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह वर्चुअल दुनिया तक फैल गए हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी जहां एक ओर अवसर देती है, वहीं यह नए तरह के शोषण और असुरक्षा का माध्यम भी बन गई है। सुप्रीम कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी और यूनिसेफ इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सेफगार्डिंग द गर्ल चाइल्ड’ में बोलते हुए उन्होंने यह बातें कहीं। कार्यक्रम में जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री भी मौजूद थीं। कार्यक्रम में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि एक लड़की तभी समान नागरिक मानी जा सकती है, जब उसे वही अवसर, संसाधन और सम्मान मिलें जो एक लड़के को मिलते हैं। वहीं जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि हर लड़की का अधिकार है कि वह भय और भेदभाव से मुक्त होकर शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सके।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.