ताजा खबर
अहमदाबाद में BJP कार्यकर्ता ने पब्लिक टॉयलेट तोड़कर बना दी दुकान, प्रशासन बेखबर   ||    एअर इंडिया हादसे की जांच में तेजी, प्रारंभिक रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी गई   ||    सिंगर यासर देसाई को लेकर बढ़ी चिंता, वायरल वीडियो ने फैलाई बेचैनी   ||    टेक्सास में बाढ़ से 100 से अधिक लोगों की मौत, 26 फीट बढ़ा नदी का जलस्तर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी   ||    ‘हम भारत के साथ सौदा करने के करीब…,’ 14 नए देशों पर टैरिफ के ऐलान के बाद क्या बोले ट्रंप?   ||    पाकिस्तान में एक और तख्तापलट की तैयारी, जरदारी को हटाकर मुनीर बन सकते हैं राष्ट्रपति   ||    ट्रंप ने अब इन 14 देशों में लगाया टैरिफ, लिस्ट में म्यांमार 40 फीसदी टैक्स के साथ सबसे ऊपर   ||    डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई टैरिफ लागू करने की डेडलाइन, किस देश में कितना टैरिफ? लिस्ट आई सामने   ||    रील के चक्कर में गई जान, बिहार में ट्रेन से गिरा शख्स तो महाराष्ट्र में तालाब में डूबा   ||    ब्रिक्स समिट के बाद स्टेट विजिट के लिए ब्रासीलिया पहुंचे पीएम मोदी, इन मुद्दों पर करेंगे चर्चा   ||   

दिल्ली पर मंडराया खतरा! चीन में फैल रहे Pneumonia के 7 मामले एम्स में सामने आए

Photo Source :

Posted On:Thursday, December 7, 2023

लैंसेट माइक्रो में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मामलों का पता संक्रमण के प्रारंभिक चरण में किए गए पीसीआर परीक्षण द्वारा लगाया गया था और छह मामलों का पता आईजीएम एलिसा परीक्षण द्वारा लगाया गया था जिसे बाद के चरण में भी किया जा सकता है। दिल्ली एम्स ने इस साल चीन में फैल रहे एम. निमोनिया के 7 मामले दर्ज किए हैं। यह मामला अप्रैल से सितंबर के बीच सामने आया है. जब एम्स ने इस पर शोध किया तो बैक्टीरिया माइकोप्लाज्मा निमोनिया इस बीमारी से जुड़ा हुआ पाया गया।

वॉकिंग निमोनिया क्या है?

रिपोर्ट के मुताबिक, पीसीआर और आईजीएम एलिसा टेस्ट का पॉजिटिविटी रेट 3 और 16% था। आपको बता दें कि एम्स दिल्ली माइकोप्लाज्मा निमोनिया के प्रसार की निगरानी के लिए वैश्विक संघ का एक हिस्सा है। दिल्ली एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख और कंसोर्टियम के सदस्य डॉ. राम चौधरी ने टीओआई को बताया कि माना जाता है कि सामुदायिक निमोनिया के 15-20% मामले एम निमोनिया के कारण होते हैं। डॉ. चौधरी ने बताया कि इस वायरस से होने वाला निमोनिया आमतौर पर हल्का होता है, इसलिए इसे चोकिंग निमोनिया भी कहा जाता है. लेकिन इसके मामले गंभीर भी हो सकते हैं.

निगरानी बढ़ाने पर जोर

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को माइकोप्लाज्मा निमोनिया का पता लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। फिलहाल दिल्ली में सिर्फ एम्स और कुछ अन्य सेंटरों पर ही नजर रखी जा रही है. लांसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों में एम. निमोनिया फिर से उभर आया है, मामलों की संख्या महामारी से पहले की संख्या के लगभग बराबर हो गई है।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.