ताजा खबर
अहमदाबाद में अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन सौदा, लुलु ग्रुप ने 519 करोड़ में खरीदा प्लॉट   ||    मांचा मस्जिद तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, कहा— नगर निगम जनहित में कर रहा काम   ||    पाकिस्तान के हमले में अफगानिस्तान के 6 लोगों की मौत, मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल   ||    'हम जवाब देना जानते हैं', तीन क्रिकेटरों की मौत के बाद PAK को अफगानिस्तान की चेतावनी   ||    दिल्ली में सांसदों के फ्लैट्स में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियाें ने पाया काबू   ||    महाराष्ट्र के नंदुरबार में श्रद्धालुओं से भरी पिकअप गहरी खाई में गिरी, 8 लोगों की मौत और कई घायल   ||    'चुटकी में रुकवा सकता हूं अफगानिस्तान-पाकिस्तान की जंग', डोनल्ड ट्रंप का दावा   ||    IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट कितने लोगों को भेजा, वसीयत में क्या लिखा था? लैपटॉप की जांच में जुटी SI...   ||    फैक्ट चेक: राजस्थान के अंता उपचुनाव में नरेश मीणा की मदद के लिए व्यवसायी ने भेजीं 1000 कारें? नहीं, ...   ||    मोजाम्बिक में बड़ा हादसा, समुद्र में नाव पलटने से तीन भारतीयों की मौत और 5 लापता   ||   

Bihar Election 2025: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम, राजनीतिक पार्टियों के रजिस्ट्रेशन पर चुनाव आयोग से जवाब-तलब

Photo Source :

Posted On:Friday, September 12, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक अहम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन और उनके रेगुलेशन से जुड़े नियमों को लेकर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। यह मामला राजनीतिक दलों की पारदर्शिता, धर्मनिरपेक्षता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के विषय में है। कोर्ट ने आयोग को इस पर 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

याचिका में क्या था मुद्दा?

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग से निर्देश देने की मांग की कि राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन और उनके रेगुलेशन के लिए नियम बनाए जाएं। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार, जातिवाद और अपराधीकरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। इसलिए राजनीतिक दलों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को कड़े नियम बनाना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता न होने के कारण कई ऐसे दल भी पंजीकृत हैं, जिनका उद्देश्य केवल सत्ता हासिल करना या गलत लाभ उठाना होता है। इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होती है और जनता का विश्वास लोकतंत्र से कम होता जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन और उनके नियंत्रण के विषय में आयोग की जिम्मेदारी है कि वह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखे। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह चार सप्ताह के अंदर इस मामले पर अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखें।

यह कदम चुनाव आयोग के लिए एक चेतावनी जैसा है कि वह राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन और उनके वित्तीय तथा आंतरिक मामलों की जांच-परख में और अधिक कड़ा और पारदर्शी हो। कोर्ट का यह फैसला बिहार चुनाव जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक अवसर से ठीक पहले आया है, जिससे इस मामले पर राजनीति में भी चर्चा तेज हो गई है।

चुनाव आयोग की भूमिका और चुनौतियां

चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के पंजीकरण, उनके चुनावी फंडिंग, आंतरिक लोकतंत्र, और नियमों के पालन की जिम्मेदारी संभालता है। हालांकि, राजनीतिक दलों की स्वायत्तता और उनकी आंतरिक कार्यप्रणाली को लेकर आयोग के पास सीमित अधिकार होते हैं। ऐसे में कोर्ट ने आयोग को चुनौती दी है कि वह राजनीतिक दलों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।

राजनीति में भ्रष्टाचार, जातिवाद और अपराधीकरण के मुद्दे वर्षों से चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित कर रहे हैं। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है।

आगे क्या होगा?

अब चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब देना होगा और यह बताना होगा कि उसने राजनीतिक दलों के पंजीकरण और नियंत्रण के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं या उठाएंगे। आयोग को यह भी स्पष्ट करना होगा कि वह कैसे भ्रष्टाचार और जातिवाद को चुनाव प्रक्रिया से दूर करेगा।

यह मामला पूरे देश के चुनावी प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अगर सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग के पक्ष में सख्त निर्देश जारी करता है, तो राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन और उनके वित्तीय लेनदेन पर कड़ी निगरानी शुरू हो सकती है। इससे चुनावी प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।


निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के रजिस्ट्रेशन और उनके रेगुलेशन के मामले में कड़ा संदेश दिया है। यह कदम भारतीय लोकतंत्र में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इस मामले में कोर्ट और आयोग की बैठकों और आदेशों पर राजनीतिक और आम जनता की नजर बनी रहेगी।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.